लखनऊ के IAS टॉपर आदित्य की जुबानी, पहली बार सफलता नहीं मिली तो हिम्मत नहीं हारा

अंडर ट्रेनी IPS ऑफिसर के रूप में हैदराबाद में तैनात हैं आदित्य, टॉप फाइव में दो महिलाएं है, जबकि तीन पुरुष शामिल

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लखनऊ, रिपोर्टर।
संघ लोक सेवा आयोग ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) 2023 का अंतिम परिणाम मंगलवार को जारी कर दिया। इस बार राजधानी लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव ने आयोग की परीक्षा में पहला स्थान हासिल कर टाप किया है। दूसरे नंबर पर ओडिसा के अनिमेष प्रधान रहे, जबकि तीसरे स्थान पर तेलंगाना की रहने वाली महिला टॉपर डोनुरु अनन्या रेड्डी को पहले ही प्रयास में सफलता मिली है। कुल 1016 आवेदकों को सफलता मिली है। टॉपर की लिस्ट में टॉप फाइव में दो महिलाएं है, जबकि तीन पुरुष हैं। चौथा प्राप्त करने वाले पीके सिद्धार्थ रामकुमार हैं, जबकि पांचवें स्थान पर रुहानी हैं।
लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव एल्डिको आईआईएम रोड स्थित मकान में रहते हैं। इस समय वह अंडर ट्रेनी आईपीएस ऑफिसर के रूप में हैदराबाद में तैनात हैं। रिजल्ट जारी होते ही एल्डिको आईआईएम रोड स्थित उनके आवास पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। पहली बार प्रारंभिक परीक्षा में सफलता नहीं मिली। पिछली परीक्षा में 236वीं रैंक के साथ आईपीएस के रूप में चयनित होने के बाद आदित्य को अब आईएएस बनने में सफलता हासिल की है।
छोटी बहन प्रियांशी भी सिविल परीक्षा की कर रहीं है तैयारी….
आदित्य के पिता अजय श्रीवास्तव सेंट्रल ऑडिट डिपार्टमेंट में सहायक लेखाकार के पद पर कार्यरत हैं। उनकी मां आभा श्रीवास्तव गृहिणी, दादा शिवराम श्रीवास्तव आईटीआई से सेवानिवृत्त और छोटी बहन प्रियांशी नई दिल्ली में सिविल परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। सीएमएस अलीगंज से12वीं पास करने के बाद आदित्य ने आईआईटी कानपुर से बीटेक एवं एमटेक किया और कुछ दिनों के लिए निजी कंपनियों में नौकरी करने के बाद सिविल सेवा की तैयारी शुरू की।
सेंट्रल ऑडिट डिपार्टमेंट में सहायक लेखाकार के पद पर कार्यरत अजय श्रीवास्तव और उनकी पत्नी मां आभा श्रीवास्तव मंगलवार दोपहर घर पर ही थे। इसी बीच अचानक हैदराबाद में ट्रेनी आईपीएस के रूप में तैनात उनके बेटे आदित्य की वीडियो कॉल आई। बेटे की कॉल देखकर मां-पिता दोनों उत्साह से भर गए।
आदित्य को क्रिकेट खेलना पसंद और डायनासोर में रुचि..…
अजय श्रीवास्तव ने बताया कि बेटा हमेशा से पढ़ाई में अच्छा था। एक बार जो ठान लेता है तो पूरा करके ही मानता है। आदित्य को क्रिकेट खेलना पसंद है और डायनासोर में रुचि है। आदित्य की मां के मामा विनोद कुमार लवासना ट्रेनिंग एकेडमी मसूरी के डायरेक्टर रहे हैं। उन्हीं से आदित्य को आईएएस बनने की प्रेरणा ली। इसलिए बीटेक करने के बाद उसने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी। पहली बार प्री परीक्षा में सफलता नहीं मिली। इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और पिछली बार 236वीं रैंक हासिल की। इसके बाद वह आईपीएस की ट्रेनिंग करने लगा। अगली बार एक बार फिर से उसने तैयारी की और इस बार देश भर में पहला स्थान मिला।
प्रारंभिक परीक्षा में सफलता नहीं मिली थी, इसकी वजह से थोड़ा परेशान रहा…
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में देश भर में पहला स्थान हासिल करने वाले आदित्य ने बताया कि पहली बार उनको प्रारंभिक परीक्षा में सफलता नहीं मिली थी। इसकी वजह से थोड़ा परेशान था पर हार नहीं मानी। प्रारंभिक परीक्षा में सफलता न हासिल होने के बाद नए सिरे से योजना बनाकर तैयारी शुरू की। आदित्य के मुताबिक उसने कभी किसी कोचिंग से तैयारी नहीं की। इसके बजाय सेल्फ स्टडी के दम पर ही सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। प्रांरभिक परीक्षा पास करने के बाद सिविल सेवा में अपने वैकल्पिक विषय के रूप में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का चयन किया। तैयारी के दौरान खुद को तरोताजा रखने के लिए थोड़ी देर गाने सुनता था। इसके बाद फिर से पढ़ाई में लग जाता था। पढ़ाई के दौरान सिर्फ खाना खाने के लिए अपने कमरे से निकलता था।
आदित्य ने बताया कि सिविल सेवा का सिलेबस बहुत ज्यादा है। इसलिए पिछले साल में आए सवालों के जवाब देने का अभ्यास किया। टेस्ट सिरीज हल करने से काफी आत्मविश्वास बढ़ा। इसके साथ ही सिलेबस को देखकर उसे कवर करने की रणनीति बनाई। जो भी पढ़ा उसे बिलकुल स्पष्ट तौर पर तैयार किया। इससे परीक्षा में लिखना काफी आसान हो गया।
सिविल सेवा परीक्षा में बहन ने किया काफी सपोर्ट…..
सिविल सेवा की परीक्षा देने के दौरान आदित्य की बहन ने काफी सपोर्ट किया। पिछली बार परीक्षा के दौरान उसने जो पेन उपयोग किया था इस बार बहन उसे बदल दिया। इस तरह से उसने आईपीएस और आईएएस दोनों परीक्षा में अलग-अलग पेन से लिखा था। पेपर देने के दौरान उसके हाथ में सूजन आ जाती थी। बहन प्रियांशी गरम पानी में नमक डालकर उसकी सिंकाई करती थी।
आदित्य ने बताया कि उनके पिता दादाजी दादा शिवराम श्रीवास्तव आईआईटी से सेवानिवृत्त हैं। बीटेक के दौरान शुरुआती दो साल की फीस उन्होंने ही भरी थी। इसके बाद उसे जर्मनी से स्कॉलरशिप मिली थी। इसके रूप में दो लाख रुपये की राशि मिली। इसका उपयोग अपनी पढ़ाई के लिए ही किया।
टॉप फाइव में दो महिलाएं व तीन पुरुष…
रिजल्ट के अनुसार कुल 1016 लोगों ने यह परीक्षा पास की है। रिजल्ट के अनुसार कुल 347 सामान्य वर्ग के, 115 ईडब्ल्यूएस, 303 ओबीसी,165 अनुसूचित जाति और 86 अनुसूचित जाति से हैं। सिविल सेवा परीक्षा 2023 के लिए इंटरव्यू का आयोजन जनवरी -अप्रैल 2024 के बीच किया गया था। टॉपर की लिस्ट में टॉप फाइव में दो महिलाएं है, जबकि तीन पुरुष हैं।
हर वर्ष संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है, जिसे तीन स्तरों पर आयोजित किया जाता है। सबसे पहले पीटी, फिर मेंस और अंत में साक्षात्कार का आयोजन होता है।

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