आईकेएस को संस्थागत प्रथाओं में शामिल करने पर जोर, आईआरआईटीएम लखनऊ के अपर महानिदेशक समेत वक्ता हुए शामिल
आईआईटी, आईआईएम और आईकेएस संगठनों जैसे प्रमुख संस्थानों के प्रख्यात संकाय सदस्यों ने अपने विचार साझा किए
Indinewsline, Lucknow: मुकेश कुमार
आईआईटी नई दिल्ली में मंगलवार को आयोजित कार्यशाला में भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) को संस्थागत प्रथाओं में शामिल करने समेत चार प्रमुख नियमों पर चर्चा हुई। इसमें रेल परिवहन प्रबंधन संस्थान लखनऊ के अपर महानिदेशक संजय त्रिपाठी सहित कई प्रतिष्ठित वक्ता शामिल हुए।
सीएसटीआई में उपनिवेशवाद के उन्मूलन के लिए हुई अभिज्ञान कार्यशाला
प्रोफेसर (प्रशासन) कृष्णा तिवारी ने बताया कि सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों (सीएसटीआई) में उपनिवेशवाद के उन्मूलन के लिए अभिज्ञान कार्यशाला आयोजित की गई। क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी), कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रशिक्षण प्रभाग, आईआईटी दिल्ली में आईकेएस और इंडिका- भारतीय ज्ञान प्रणाली संस्थान के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रभावी क्षमता निर्माण के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) को सिविल सेवा प्रशिक्षण में एकीकृत करना है।
प्रमुख संस्थानों के प्रख्यात संकाय सदस्यों ने अपने विचार किये साझा
आईआईटी, आईआईएम और आईकेएस संगठनों जैसे प्रमुख संस्थानों के प्रख्यात संकाय सदस्यों ने अपने विचार साझा किए। जिसमें भारतीय संस्थानों पर औपनिवेशिक निर्माणों के प्रभाव और भारत के सभ्यतागत लोकाचार के साथ पुनर्संरेखण की आवश्यकता के बारे में गहन जानकारी दी गई। इनमें संस्थागत प्रथाओं में आईकेएस को शामिल करना, विउपनिवेशीकरण की आवश्यकता को समझना, परिवर्तन के लिए तत्वों की पहचान करना एवं कार्यान्वयन के लिए व्यावहारिक रणनीतियां शामिल रहीं।
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