लखनऊ, रिपोर्टर
बलरामपुर अस्पताल के एसएस ब्लॉक के कई वार्डों में बुधवार को देर से भोजन पहुंचने से नाराज भूखे मरीज और उनके तीमारदारों जमकर हंगामा किया। कर्मचारियों ने मौके पर समझा-बुझाकर सभी को शांत कराया। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बुधवार को पानी का संकट इतना विकराल हुआ कि यहां के किचन तक पानी की आपूर्ति ठप हो गयी। इसकी वजह से दोपहर एक बजे की बजाए ढाई बजे भोजन का वितरण हुआ। इस दौरान मरीज और उनके तीमारदार भूख से तड़प उठे थे।
अस्पताल में बुधवार की सुबह करीब नौ बजे के आस पास मोटर का वाल्ब खराब हो गया, इससे पानी की सप्लाई पूरी तरह से ठप हो गयी और अस्पताल के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा निदेशक कार्यालय इसकी भी चपेट में आ गया। इसी कार्यालय के प्रथम तल पर अस्पताल का किचन भी है। जहां पूरे अस्पताल के मरीजों का भोजन बनाया जाता है। भोजन बनाने की सभी तैयारियां पूरी हो गयी थीं लेकिन पानी के बिना कार्य रूक गया था। पानी के संकट से ज्यादातर मरीजों को भोजन में खिचड़ी दी गयी। दूसरी तरफ अस्पताल प्रशासन ने टेक्नीशियनों को मोटर दुरुस्त करने के निर्देश दिये तो पता चला कि वाल्ब खराब हो गया है। पानी की किल्लत को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने कर्मचारी आवास पर नियमित समय के लिए ही आपूर्ति की व्यवस्था शुरू कर दी है। आवासों में बेवजह पानी के इस्तेमाल व बर्बादी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। तय किया है कि आवासों में तीन टाइम ही पानी की आपूर्ति होना है।
अस्पताल परिसर में कई आवास बने हैं। इसके अलावा अस्पताल के अलग-बगल भी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी और कुछ डाक्टरों के आवास भी हैं। इन आवासों में अभी तक पानी की आपूर्ति 22 घंटे तक हो रही थी। अस्पताल में लगा नलकूप (ट्यूबवेल) 22 घंटे चलने की वजह से अनावश्यक रूप से पानी बहता रहता है। इतने घंटे मोटर चलने के बाद भी अस्पताल के ओवरहेड टैंक में पानी नहीं भर पा रहा है। इससे नलकूप के लिए हाईपॉवर की मोटर भी कई बार खराब हो रही है। मोटर बनवाने में ही अस्पताल प्रशासन को मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है। साथ ही मोटर बनने के दौरान चार से पांच घंटे तक अस्पताल के वार्डों में भी मरीज और तीमारदारों को पानी आपूर्ति की समस्या झेलनी पड़ रही थी। इसी को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने सभी आवासों में तीन टाइम पानी की आपूर्ति का फैसला लिया है।
अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार ने बताया कि पानी की मोटर का वाल्ब खराब हो गया था, इसलिए कुछ देर तक पानी की सप्लाई बाधित हुई थी। बाद में जलापूर्ति शुरू हो गयी। हालांकि नगर निगम से टैंकर मंगवाने की जरूरत नहीं पड़ी।