केजीएमयू में आउटसोर्स पर तैनात कर्मचारी कभी भी भूख हड़ताल शुरू कर सकते हैं। यह चेतावनी संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल ने दी है। वह शनिवार को केजीएमयू में सैकड़ों कर्मचारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
एजेंसी बिना कारण वेतन से कटौती करती रहती है
केजीएमयू के पदाधिकारियों ने कहा कि एक साल से वेतन बढ़ोत्तरी संबंधी महानिदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट आज तक लागू नहीं हुई। पहले बोनस दिया जाता था उसको भी अब बंद कर दिया गया। किसी को अवकाश की सुविधा नहीं मिल रही है। एजेंसी बिना कारण वेतन से कटौती करती रहती है।
उपमुख्यमंत्री कार्यालय से कोई वेतन बढ़ोत्तरी का पत्र जारी नही हुआ
प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल ने बताया की हम सभी लोग अपनी टीम के साथ कई बार उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से मिलकर अपनी समस्या बताए। पिछली बार आंदोलन पर उन्होंने कहा था कि हमारे दरवाजे आपके लिए हमेशा खुले हैं लेकिन एक साल हो गया आज तक उपमुख्यमंत्री कार्यालय से कोई वेतन बढ़ोत्तरी का पत्र जारी नही हुआ। बैठक में मौजूद सभी कर्मचारियों ने एक स्वर में कहा कि अब हड़ताल के बिना सरकार नही सुनेगी।
शासन एक साल से फाइल घुमा रहा है
ऐसे में अब शासन एक साल से फाइल घुमा रहा है। वहीं संस्थान प्रशासन छुट्टी और बोनस तथा वेतन काट रहा है। रितेश ने बताया कि उपमुख्यमंत्री कोई निर्देश जारी नही करते हैं। अब आंदोलन ही एक मात्र विकल्प रह गया है। उन्होंने बताया कि यूनियन कभी भी स्वास्थ्य सेवा प्रभावित नही करना चाहता, लेकिन वर्षों से बेहद कम वेतन पर कर्मचारी अब जीवन यापन नही कर पा रहा है।
रितेश मल्ल ने बताया कि केजीएमयू प्रदेश का रेफरल सेंटर है। एक दिन की हड़ताल से भी जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से इसपर ध्यान देकर वेतन बढ़ोत्तरी, बोनस तथा विभिन्न अवकाश और वार्षिक वृद्धि के आदेश को जारी करने का अनुरोध किया है।