कुवैत अग्निकांड: प्रवीण की मौत के गम में टूट चुका है परिवार, पिता बोलें- बुढ़ापे में अब यही देखना बाकी रह गया था?

बनारस में बिजनेस शुरू करना चाहता था प्रवीण, नहीं पूरा हो सका सपना!

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वाराणसी, सिटी रिपोर्टर।
बुढ़ापे में अब यही देखना बाकी रह गया था। अब प्रवीण की बच्चियां और बहू मेरी जिम्मेदारी हैं। पूरे परिवार को साथ लेकर आगे बढ़ना है। दरअसल, यह कहना है कुवैत अग्निकांड में जान गंवाने वाले प्रवीण के पिता जय प्रकाश सिंह का….।
एयरपोर्ट आया शव, चेहरे पर दिखी मायूसी…
वाराणसी स्थित छतरीपुर क्षेत्र की मां गायत्री धाम कॉलोनी निवासी प्रवीण माधव सिंह (37) का पार्थिव शरीर शनिवार की सुबह एयरपोर्ट पहुंचा तो सबके चेहरे पर मायूसी थी। नम आंखों से मणिकर्णिका घाट पर प्रवीण की अंत्येष्टि की गई, जहां मुखाग्नि उनके छोटे भाई अमन अनुराग सिंह ने दी।
बनारस में बिजनेस शुरू करना चाहता था प्रवीण…

प्रवीण कुवैत से आकर बनारस में अपना बिजनेस शुरू करना चाहता था, पर उससे पहले ही उसके सपनों पर विराम लग गया।
गाजीपुर जिले के गहमर थाना के करहियां गांव के मूल निवासी प्रवीण कुवैत की एक कंपनी में सेल्स कोऑर्डिनेटर के पद पर कार्यरत थे। परिजनों के अनुसार प्रवीण की तैयारी थी कि आगामी दिसंबर महीने से वह बनारस में ही रहेंगे और यहीं अपना बिजनेस शुरू करेंगे।
पार्थिव शरीर को लेने के लिए पहुंचे थे प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर…
उससे पहले ही गत बुधवार को कुवैत में छह मंजिला इमारत में लगी आग की जद में वह आ गए और उनकी मौत हो गई। शनिवार की सुबह 6:20 बजे प्रवीण का पार्थिव शरीर बाबतपुर एयरपोर्ट लाया गया। पार्थिव शरीर को लेने के लिए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, एसडीएम पिंडरा प्रतिभा मिश्रा, तहसीलदार पिंडरा विकास पांडेय और सीआईएसएफ के अफसर मौजूद रहे।
अंत्येष्टि के बाद गांव पहुंचे प्रवीण के परिजन…

एयरपोर्ट से एंबुलेंस से प्रवीण का पार्थिव शरीर उनके घर पर 7:10 बजे पहुंचा। इसके बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में प्रवीण का पार्थिव शरीर लेकर अंत्येष्टि के लिए परिजन मणिकर्णिका घाट के लिए रवाना हो गए। अंत्येष्टि के बाद प्रवीण के परिजन अपने पैतृक गांव रवाना हो गए।
पत्नी और मां की बेसुध, पीछे छोड़ गए दो बच्चियां…
प्रवीण की मौत की सूचना मिलने के बाद से उनकी पत्नी रूपा और मां मंजू सिंह की हालत बेसुधों जैसी है। प्रवीण की नौ वर्ष की बड़ी बेटी मनीषा और 10 माह की छोटी बेटी जान्हवी है।
मनीषा को उसके पिता की मौत के बारे में पता नहीं है। वह घर आने-जाने वाले लोगों से यही पूछते दिखी कि मम्मी, दादी और बुआ रो क्यों रही हैं। उधर, प्रवीण के पिता जय प्रकाश सिंह ने कहा कि बुढ़ापे में अब यही देखना बाकी रख गया था। फिर, उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा कि अब प्रवीण की बच्चियां और बहू मेरी जिम्मेदारी हैं। पूरे परिवार को साथ लेकर आगे बढ़ना है।
प्रवीण ने आखिरी बार पत्नी रूपा और बड़ी बेटी मनीषा से की थी बात…

प्रवीण को उनके बड़े पिता कुवैत तकरीबन 10 वर्ष पहले कुवैत लेकर गए थे। प्रवीण दो माह पहले अपने बड़े पिता के साथ वाराणसी आए थे और अपने पैतृक गांव भी गए थे। मंगलवार की रात प्रवीण ने आखिरी बार पत्नी रूपा और बड़ी बेटी मनीषा से बात की थी। गत बुधवार की दोपहर प्रवीण के परिजनों को कुवैत में बिल्डिंग में आग लगने की जानकारी हुई थी। रात में पुष्टि हुई कि बिल्डिंग में लगी आग की जद में आने से प्रवीण की मौत हो गई है।

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