किसान आंदोलन के क्रूर दमन की केवाईएस करता है कड़ी भर्त्सना!
ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागना अभूतपूर्व! आंदोलन का दमन शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार पर हमला!!
नई दिल्ली
क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) पंजाब और हरियाणा में किसान आंदोलन पर हुए क्रूर दमन की कड़े-से-कड़े शब्दों में भर्त्सना करता है। गौरतलब है कि किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 16 फरवरी को अखिल भारतीय बंद का आह्वान किया है, जिसमें आम जनता की समस्याएं भी शामिल हैं। इसके अलावा, कई किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखने के लिए दिल्ली तक मार्च करने का भी आह्वान किया था। लेकिन, अपनी क्रूर उदासीनता को उजागर करते हुए सरकार ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसानों पर बर्बरतापूर्वक हमला करवाया है। किसानों का दिल्ली चलो मार्च रोकने के लिए उन पर लाठीचार्ज, रबर की गोलियों, आंसू गैस के गोले छोड़े गए और बड़े पैमाने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। सरकार ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए उन्हीं ड्रोन का इस्तेमाल किया है जिनका इस्तेमाल किसान खेती में करते हैं।
विडंबना है कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन का जिस समय दमन कर रही है, उसी वो उनके पक्ष में नीतियाँ बनाने का दावा कर रही है। सरकार ने पिछले हफ्तों में चौधरी चरण सिंह और एम एस स्वामीनाथन के लिए भारत रत्न की घोषणा की है, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने किसानों के लिए काम किया था। लेकिन, दमन के बीच इस तरह के सांकेतिक-मात्र कदम खुलेआम सरकार के मंसूबों को ज़ाहिर करते हैं जिनके तहत वो देश-भर की बहुसंख्यक मेहनतकश आबादी की वास्तविक मांगों की अनदेखी करते हुए कॉरपोरेटों को फायदा पहुंचाना चाहती है। इस तरह के सांकेतिक इशारों से किसानों की वास्तविक मांगों को अवरुद्ध करने की सरकार की मंशा कभी सफल नहीं होगी।
केवाईएस किसान आंदोलन के दमन की कड़े-से-कड़े शब्दों में निंदा करता है और मांग करता है कि दिल्ली कूच कर रहे किसानों के खिलाफ हिंसा तुरंत बंद की जाए। केंद्र सरकार को किसानों द्वारा लंबे समय से की जा रही सभी वास्तविक मांगों को पूरा करना चाहिए। केवाईएस ने किसान संगठनों से भी अपील की है कि वे सरकार द्वारा उनकी फसलों की अनिवार्य खरीद के लिए दबाव डालें, जिससे न केवल किसानों, बल्कि शहरी मेहनतकश आबादी को फायदा होगा। संगठन देश के लोगों से किसान आंदोलन के समर्थन में खड़े होने की भी अपील करता है।