लखनऊ में मरीजों की जान से खेलने वाले तीन ब्लड बैंकों पर FSDA का छापा, बिना जांचा-परखा थमाया जा रहा था खून, अब होगी कार्रवाई

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (FSDA) ने लखनऊ के तीन चैरिटेबल ब्लड बैंकों में ताबड़-तोड़ छापेमारी की। इन ब्लड बैंकों में ढेरों खामियां मिली। मरीजों को बिना जांचा-परखा खून थमाया जा रहा था। मरीजों की जान से खेलने वाले इन ब्लड बैंकों के खिलाफ कार्यवाही के लिए FSDA ने उप्र ड्रग कंट्रोलर से संस्तुति की है।

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Indinewsline, Lucknow:
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (FSDA) ने लखनऊ के तीन चैरिटेबल ब्लड बैंकों में ताबड़-तोड़ छापेमारी की। इन ब्लड बैंकों में ढेरों खामियां मिली। मरीजों को बिना जांचा-परखा खून थमाया जा रहा था। मरीजों की जान से खेलने वाले इन ब्लड बैंकों के खिलाफ कार्यवाही के लिए FSDA ने उप्र ड्रग कंट्रोलर से संस्तुति की है।

सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार के निर्देशन में दो दिन में तीन ब्लड बैंकों में हुई छापेमारी
FSDA के सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार के निर्देशन में टीमों ने दो दिन में तीन ब्लड बैंकों में छापेमारी की। ब्लड बैंकों में मानकों को परखा। टीम ने सबसे पहले हैदरगंज के आर्दश विहार स्थित समाधान चैरिटेबल ब्लड बैंक में छापेमारी। इसके बाद टीम ने दुबग्गा के बगरिया स्थित वाइटल चैरिटेबल ब्लड बैंक एवं आलमबाग श्रृंगारनगर स्थित अवध हॉस्पिटल ब्लड बैंक में छापेमारी की।

चैरिटेबल ब्लड बैंकों में मरीजों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा था। ब्लड बैंकों में खून की जांच में मानकों के अनुसार नहीं की जा रही थी। एलाइजा तकनीक से खून की जांच नहीं जा रही थी। साथ ही जांच व बगैर परखा खून एक ही फ्रिज में रखा मिला। जबकि दोनों अलग-अलग फ्रीज में रखने का नियम है। यही नहीं अभिलेखों पर न तो टेक्नीशियन के हस्ताक्षर मिले न ही डॉक्टर के। यदि ब्लड बैंक में कोई पेशेवर रक्तदाता पकड़ गया तो उससे जुड़ा रिकार्ड कहां रखेंगे। इससे संबंधित रिकार्ड भी नहीं मिले।

इन्होंने की कार्रवाई
सहायक आयुक्त ब्रजेश के निर्देश पर ड्रग इंस्पेक्टर सन्देश मौर्य, नीलेश कुमार शर्मा, अनीता कुरील, हरदोई की स्वागिता घोष ने छापेमारी की।

यहां ये मिली खामियां
– ब्लड डोनेशन के दौरान अगर कोई प्रोफेशनल डोनर पाया गया तो उससे सम्बन्धित कोई रिकार्ड/अभिलेख न पाया जाना
– अभिलेखों में टेक्निशियन एवं डॉक्टर के हस्ताक्षर नहीं थे
– ब्लड को स्टोरेज करने के लिए मानक तापमान से सम्बन्धित अभिलेख नहीं मिले
– ब्लड सेन्टरों में आयोजित कैम्प का ब्यौरा अधूरा मिला
– खाली ब्लड बैग के रिकॉर्ड से सम्बन्धित दस्तावेज मौके पर नहीं मिले
– ब्लड बैंक से सम्बन्धित समस्त रजिस्टर में पेज नम्बरिंग नहीं मिली
– जांच परखा व बिना जांचा परखा खून की पैकेट पर लेबल लगे हुए रैफ्रीजिरेटर में रखा हुआ पाया गया
– ब्लड सेन्टर में कार्य हेतु एसओपी का प्रदर्शित नहीं था
– इमरजेंसी किट अधूरी मिली
– ब्लड सेन्टर में उपयोग होने वाली मशीनों पर स्टेटस अपडेट नहीं पाया गया
– ब्लड सेन्टर द्वारा सभी यूनिटस् का एलाइज़ा तकनीक से जांच किया जाना नहीं पाया गया
– ब्लड बैंकों में खाली ब्लड बैगों का मानक के अनुसार स्टेरलिटि टेस्ट न किया जाना पाया गया।

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