लखनऊ में केंद्रीय होम्योपैथी संस्थान के 100 दिन, ओपीडी में अब 300 मरीजों को मिलता है इलाज, मरीजों को भर्ती करने की भी तैयारी!

पुरुष व महिला वार्ड में 20-20 और बाल चिकित्सा वार्ड में 10 बेड तैयार

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लखनऊ, संवाददाता।
जानकीपुरम विस्तार स्थित केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान परिसर में सितम्बर 2023 में ओपीडी शुरू हुई तब 85 मरीज रोजाना देखे जाते थे। लेकिन मौजूदा समय में 300 मरीज प्रतिदिन इलाज कराने आते हैं। यह जानकारी संस्थान में प्रभारी अधिकारी डॉ. लिपिपुष्पा देबता ने सोमवार को दी। वह 100 दिनों की उपलब्धियों पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रही थीं।
संस्थान में जल्द ही मरीजों को भर्ती करने की सुविधा भी मिलेगी
डॉ. लिपिपुष्पा देबता ने बताया कि संस्थान में जल्द ही मरीजों को भर्ती करने की सुविधा भी मिलेगी। इसके लिए 50 बिस्तरों वाला अनुसंधान अस्पताल तैयार हो चुका है। जिसमें पुरुष व महिला वार्ड में 20-20 और बाल चिकित्सा वार्ड में 10 बेड हैं। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष चिकित्सा को मुख्य धारा में जोड़ने का अनुमोदन प्राप्त हुआ। संस्थान एवं परिषद् में क्लीनिकल रिसर्च, फन्डामेंटल रिसर्च एवं क्लीनिकल वेरिफिकेशन एवं कोलैबुरेट स्टडी के भी कार्यक्रम सुचारू रूप से चल रहे हैं। भारत और वियतनाम के बीच अगस्त 2024 में को औषधीय पौधों में सहयोग के लिए एमओयू किया गया।
संस्थान में पोषण माह के तहत मरीजों की निःशुल्क हुई हीमोग्लोबिन की जांच
संस्थान के अनुसंधान अधिकारी डॉ. अमित श्रीवास्तव ने एनएबीएल एवं एनएबीएच की मान्यता के हेतु चल रही कार्यवाही से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि संस्थान में पोषण माह के तहत मरीजों को निःशुल्क हीमोग्लोबिन की जांच की गई एवं स्वच्छता ही सेवा, हिंदी दिवस एवं हिंदी पखवाड़ा, वृक्षारोपण एवं स्वच्छता हेतु सफाई तथा बीमारियों से बचाव हेतु सुझाव एवं ट्रेनिंग दी जा रही है।
स्वच्छता अभियान के लिए खेल प्रतियोगिता, बाइक रैली एवं विद्यालयों में भी जन जागरूकता कार्यक्रम करवाया गया एवं बच्चों को स्वच्छता कीट भी प्रदान किया गया। कार्यक्रम में विजेता अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रभारी अधिकारी द्वारा पुरूस्कृत भी किया गया। संस्थान के द्वारा एससीएसपी कैम्प ग्राम कठवारा, मिश्रीपुर में प्रत्येक सप्ताह मरीजों को चिकित्सकों के द्वारा रोग का निदान किया जा रहा है।
संस्थान में चल रही छह ओपीडी, चार सामान्य, एक विशेष और एक रिसर्च ओपीडी शामिल
डॉ. दिव्या वर्मा ने संस्थान में चल रही ओपीडी और नैदानिक शोधों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संस्थान में छह ओपीडी चल रही है। जिसमें से चार सामान्य, एक विशेष और एक रिसर्च ओपीडी है। डॉ. दिव्या वर्मा ने बताया कि संस्थान में विभिन्न अनुसंधान परियोजनाएं चल रही है। जिसमें शोध अधिकारियों के द्वारा विभिन्न बीमारियों का अध्ययन किया जा रहा है। वर्तमान में संस्थान में पांच अनुसंधान परियोजनाएं संचालित की जाती हैं। इसके अलावा सीए.स.आई.आर सी.डी.आर.आई, सी.एस.आई.आर सी मैप, के.जी.एम.यू, एल.यू, ए.के.टी.यू आदि जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ कई सहयोगी अनुसंधान की योजना बनाई जा रही है। इस दौरान डॉ. प्रतिभा शिवहरे भी मौजूद रहीं।
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