LUCKNOW: KGMU के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का फूटा गुस्सा, कुलपति कार्यालय घेरा
आनन-फानन में कुलपति ने मांगों को पूरा करने का दिया आश्वासन
लखनऊ। राजपत्रित व साप्ताहिक अवकाश में कटौती से नाराज केजीएमयू में तैनात आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का गुस्सा शनिवार को फूट पड़ा। लगातार शोषण के खिलाफ कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए कुलपति कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। एजेंसी पर शोषण व मनमानी करने का आरोप लगाया। आनन-फानन में कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने अधिकारियों के साथ बैठक कर जायज मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। उसके बाद कर्मचारियों का गुस्सा शांत और काम पर लौट गए।
संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रितेश मल्ल, उदय प्रताप सिंह, उमेश यादव के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी सुबह कुलपति कार्यालय पहुंचे। उस वक्त कुलपति अपने कार्यालय में मौजूद थीं। कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए कुलपति कार्यालय का घेराव कर दिया। किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को बाहर आने व भीतर जाने से रोक दिया। करीब आधे घंटे तक कर्मचारी नारेबाजी करते रहे। कुलपति ने संघ के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए बुलाया। रितेश मल्ल का दावा है कि कुलपति ने बिन्दुवार समस्याएं सुनी। जायज मांगों को पूरा करने का भरोसा दिलाया।
रितेश मल, मनोज और सुभाष ने बताया कि ईपीएफ व ईएसआई में अनियमितता बरती गई है। इस पर अंकुश लगाया जाए। पुराने मामलों की जांच कराई जाए। दोषी एजेंसी संचालकों पर कार्रवाई की जाए। इस पर कुलपति ने सीएमएस डॉ. बीके ओझा से नियमसंगत कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए।
बैठक में सीएमएस डॉ. बीके ओझा, चीफ प्रॉक्टर डॉ क्षितिज श्रीवास्तव, डॉ सुरेन्द्र कुमार व संघ के पदाधिकारी मनोज, सुभाष, विकास, सतीश चन्द्र चौहान, चन्द्र प्रकाश समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
ये हैं मांगे
-कर्मचारियों ने बोनस मांगा
-सभी कर्मचारियों को साप्ताहिक और राजपत्रित अवकाश वेतन सहित दिया जाए
-28 दिन की डियूटी पर 32 दिन तक ही ओवर टाइमिंग का वेतन दिया जाए। इससे अधिक काम की दशा में रिलीवर की तैनाती की जाए
– ईएसआई के तहत परिसर में डिस्पेंसरी खोली जाए
-आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन में प्रति वर्ष पांच प्रतिशत की वृद्धि की जाए।