लखनऊ: मनचले रेहड़ी दुकानदार चांदबाबू सोनकर की चप्पलों से धुलाई

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लखनऊ: कहते हैं कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं हो सकती और लातों के भूत बातों से नहीं मानते। कुछ ऐसा ही देखने को मिला राजधानी लखनऊ के आमीनाबाद इलाके में जहां चांदबाबू सोनकर नामक मनचले का स्वागत चप्पलों और गालियों से हुआ।
सड़कछाप चांदबाबू अमीनाबाद हनुमान मंदिर के पास ज़मीन पर रेहड़ी लगाता है। हैरत की बात ये है कि चांदबाबू खुद दो बेटियों का बाप है,जो हज़रतगंज स्थित क्राइस्ट चर्च स्कूल में पढ़ती हैं। बेटियां वैष्णवी सोनकर और अदया सोनकर भी अपने दारूबाज एवं जुआरी पिता के व्यवहार से त्रस्त हैं।
बीते दिनों चांदबाबू शाम को अपने घर कैसरबाग खटकाने से जुआं खेलने जा रहा था। रास्ते मे कुछ नाबालिग लड़कियों पर उसकी गंदी नज़र पड़ गई और वह उनके पास जाकर रास्ता पूछने का बहाना करने लगा।
पास खड़ी कुछ महिलाओं को छिछोरे चांदबाबू की नियत पर शक हो गया की वे लड़कियों से सट कर बात कर रहा है और उनका वक्त ज़ाया कर रहा है।
मार्किट करने आईं औरतों ने चप्पल उतार कर बेइज्जत चांदबाबू के मुंह पर मारना शुरू कर दिया और गालियों से उसका स्वागत किया।
महिलाएं उसकी गीदड़ भभकी से नहीं डरीं और चप्पल बरसाती रहीं। औरतों के हाथों पिटने के बाद चांदबाबू वहां से भाग खड़ा हुआ।
आपको बता दें कि चांदबाबू हिस्ट्रीशीटर राजकिशोर सोनकर उर्फ राजू खान नामक चोर का बेटा है। माँ कमलेश दो शादी कर चुकी हैं। बहन मीनाक्षी ने तीसरी शादी कर इस्लाम धर्म अपना लिया है। भाई करन भी अपनी बेइज्जती करा चुका है। पूरा परिवार अपने कुकर्मों की वजह से बहिष्कृत है।
चांदबाबू अनपढ़ है और अपनी माँ-बहन की तरह दूसरी शादी की फिराक में रहता है। पैसों की लालची पत्नी मंदाकिनी भी इस काम में उसके साथ खड़ी रहती है। वहीं इज्जतदार और सम्मानित ससुराल पक्ष भी कई बार चांदबाबू कि धुनाई कर चुका है।

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