लखनऊ महापौर की सख्त चेतावनी, GIS सर्वे में शिकायत मिलने पर कार्रवाई तय
राजस्व वसूली में लापरवाह अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय करने के निर्देश
लखनऊ
महापौर सुषमा खर्कवाल ने जीआईएस सर्वे कम्पनियों के प्रतिनिधियों द्वारा किए गए सर्वे की विवरण की जानकारी ली। उन्होंने सख्त हिदायत दी है कि किसी प्रकार की जनहित के विपरीत शिकायत प्राप्त होती है तो कार्रवाई तय मानी जाए। महापौर लालबाग स्थित स्मार्ट सिटी सभागार में गुरूवार को जीआईएस सर्वे प्रतिनिधियों एवं जोनल अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिए हैं।
महापौर ने जीआईएस कम्पनियों के प्रतिनिधियों को मीटिंग में खड़ाकर बारी- बारी उनसे उनके कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। जोनल वार राजस्व वसूली की समीक्षा करते हुए नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह को लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ जिम्मेदारी तय करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने जोनल अधिकारियों एवं जीआईएस कम्पनी के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि समन्वय स्थापित कर जनहित में कार्य करें। आपके द्वारा की जाने वाली कार्रवाई धरातल पर दिखाई पडऩी चाहिए। महापौर ने सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर निगम को आय भवन कर, होटल-रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, मॉल व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर लगने वाले लाइसेंस शुल्क, गृहकर व विज्ञापन पटों से होती है। अत: अलग-अलग मद से होने वाली राजस्व वसूली की पूरी प्रगति रिपोर्ट एक सप्ताह के अन्दर प्रस्तुत करे।
उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष का कुछ ही समय बाकी है। अत जोनल अधिकारी प्रतिदिन जोन में होने वाली आय की समीक्षा करें। गंदगी, प्रतिबंधित पालीथिन, अवैध प्रचार प्रसार के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें। क्षेत्र में निगम की किस जमीन पर अवैध कब्जा है उसें नोटिस जारी कर निर्धारित समय में स्थानीय पुुलिस बल के साथ ध्वस्त करें। उन्होंने जीआईएसस सर्वे कर रहे प्रतिनिधियों से एक सप्ताह के भीतर जोनवार की गई प्रगति रिपोर्ट तलब की है।
बैठक में अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, पंकज श्रीवास्तव, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अंबी बिष्ट, सभी जोनल अधिकारी के साथ-साथ जीआईएस के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।