लखनऊ नगर निगम की संस्था डकार गई कर्मियों का EPF,वेतन भी फंसा,कार्य बहिष्कार की चेतावनी

तीन साल व तीन माह का EPF और दो माह के वेतन का भुगतान न होने पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी

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लखनऊ। नगर निगम के केन्द्रीय कार्यशाला में तैनात सभी कर्मचारियों ने निजी संस्था पर वेतन व ईपीएफ गबन करने का आरोप लगाते हुए कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है। पिछले तीन साल व तीन माह का ईपीएफ और दो माह के वेतन का भुगतान न होने से आर्थिक इन्हें कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। ईपीएफ व वेतन का तत्काल भुगतान नहीं होने पर ये कर्मचारी 23 अगस्त को कार्य बहिष्कार कर धरना देंगे। कार्यदायी संस्थाओं पर ईपीएफ व ईएसआईसी में गबन का आरोप है। श्रमिकों का कहना है कि उन्हें आज तक कोई दस्तावेज या पासबुक तक नहीं दिया गया।
गोमती नगर फन सिनेमा के पास केन्द्रीय कार्यशाला में आउटसोर्सिंग के माध्यम से करीब 75 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। आउटसोर्सिंग के सहारे मैन पावर काम करने आईं ये संस्थाएं अब अभियंत्रण, मोटरपार्ट की सप्लाई, प्रचार-प्रसार, ठेकेदारी समेत नगर निगम के अन्य विभागों में पांव पसार चुकी हैं। हालांकि प्रिया व ओजस्वी इंटरप्राइजेज को साल 2022 में नोटिस भी जारी किया गया था। जिसमें ईपीएफ व ईएसआईसी की प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे। पत्रावलियों के परीक्षण में उनकी वितरण प्रक्रिया को सरकार की मंशा के विपरीत बताया गया। साथ ही कहा गया था कि संस्था के इस कृत्य से श्रमिकों को आर्थिक क्षति हो रही है। ईपीएफ और ईएसआईसी अधिनियम में निहित प्राविधानों का उल्लंघन है, जोकि दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने कहा कि यह श्रमिकों के ईपीएफ व ईएसआईसी में गबन का मामला है। उनके साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्होंने नगर आयुक्त से कर्मचारियों के हित में संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है।

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