LUCKNOW: बेकाबू कार पेड़ से टकराकर पलटी, इंजीनियर और डॉक्टर की मौत, तीन दोस्त घायल
इंजीनियर के प्रमोशन पर घूमने निकले, हादसे ने दोनों परिवारों की खुशियां छीनी
लखनऊ
कैंट के बड़ी लाल कुर्ती इलाके में शनिवार देर रात बेकाबू कार अनियंत्रित होकर विपरीत दिशा में जाकर दो पेड़ों से टकराकर पलट गई। हादसे में एक इंजीनियर और एक डॉक्टर की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उनके तीन दोस्त घायल हो गए। घायलों में से एक की हालत गंभीर बताई गई है। पेड़ों से टकराकर कार के आगे का हिस्सा पूरी तरह से दब गया था। इससे कार सवार सभी लोग भीतर फंस गए थे। यह हादसा देखकर राहगीरों की रूह कांप उठी। पुलिस और दमकलकर्मियों ने गैस कटर से कार के क्षतिग्रस्त हिस्से को कटवाकर सभी को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया।
जौनपुर निवासी विकास मौर्य (25) मेट्रो में इंजीनियर थे। वह आजमगढ़ निवासी डॉ. अजय कुमार (34) के साथ पीजीआई इलाके के एक अपार्टमेंट में किराये पर रहते थे। ये दोनों शनिवार देर रात तीन दोस्तों अमित गुप्ता, सौरभ गुप्ता व अमित मौर्य (मेट्रो में कार्यरत) के साथ कार से घूमने निकले थे। अमित व सौरभ दोनों चचेरे भाई हैं। अमित गुप्ता कार चला रहे थे।
पुलिस के मुताबिक रात करीब एक बजे ये सभी तेलीबाग से कैंट होते हुए हजरतगंज की तरफ जा रहे थे। बड़ी लाल कुर्ती इलाके में अचानक कार अनियंत्रित होकर सड़क के दूसरी तरफ जाकर एक के बाद एक दो पेड़ों से टकराकर पलट गई। विकास व अजय की मौके पर ही मौत हो गई। एसीपी कैंट पंकज सिंह ने बताया कि घायल अमित गुप्ता, सौरभ व अमित मौर्य को ट्रॉमा में भर्ती कराया गया है। अमित गुप्ता की हालत गंभीर बनी हुई है।
कार की बेकाबू रफ्तार और लापरवाही से ड्राइविंग हादसे की वजह बनी। पुलिस के मुताबिक कार की हालत व हादसे की भयावहता से लग रहा है कि कार की रफ्तार कम से कम सौ किमी. प्रति घंटा रही होगी। यही नहीं कार सवार दोस्तों ने सीट बेल्ट भी नहीं लगाई थी।
पेड़ों से इतनी तेजी से कार टकराई कि आगे का हिस्सा पूरी तरह से दब गया। जिससे कार सवार सभी लोग भीतर फंस गए। हादसा देख लोग इक_ा हो गए, लेकिन वे किसी को बाहर नहीं निकाल पा रहे थे। भीतर सभी खून से लथपथ थे और उनकी चीखें सुनाई दे रही थीं। दो लोगों के शरीर का निचला हिस्सा दबा था, जबकि सिर बाहर था। पुलिस और दमकलकर्मी जब पहुंचे तब उन्होंने गैस कटर से कार के क्षतिग्रस्त हिस्से को कटवाकर उनको बाहर निकाल अस्पताल पहुंचाया।
अमित मौर्य चोटिल हैं, लेकिन वह होश में हैं। बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विकास का प्रमोशन हुआ था। हम लोगों ने तय किया कि रात में घूमने चलेंगे। इसलिए कार से निकले थे कि चारबाग में जाकर चाय पीयेंगे। वहीं जा रहे थे कि अचानक से हादसा हुआ। कुछ समझ में ही नहीं आया। बस कार टकराने की आवाज आई और फिर सब खून से लथपथ हो गए।
विकास के पिता फुलहन मौर्य व मां हीरावती जौनपुर में रहते हैं। भाई आकाश बीएससी का छात्र है। पिता ग्राम प्रधान हैं। वहीं डॉ. अजय के पिता डॉ. नंदलाल, मां इमरती देवी समेत अन्य परिजन आजमगढ़ में रहते हैं। उनका ढाई साल का बेटा तेजस है। डॉ. अजय की पत्नी सविता इस समय गर्भवती हैं। भाई पीसीएस अफसर हैं। हादसे ने दोनों परिवारों की खुशियां छीन लीं। अपनों की मौत की खबर से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।