उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार रात करीब 12.30 बजे को भीषण सड़क हादसा हो गया। फर्रुखाबाद से शादी की खरीदारी करने कार से लखनऊ आ रहे तीन दोस्तों की हादसे में मौत हो गई। उनकी कार लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर रेवरी टोल प्लॉजा के पास सरिया लदे ट्रक में पीछे से टकरा गई। ट्राला में कार फंस गई थी। भागने के प्रयास में ड्राइवर ने ट्राला की रफ्तार कम नहीं की और करीब सौ मीटर तक कार को घसीटता रहा। फिर वाहन छोड़ कर भाग निकला।
पुलिस को कार में फंसे लोगों को निकालने में तीन घंटे लग गए
हादसे की सूचना यूपीडा के सुरक्षाकर्मियों ने काकोरी पुलिस को दी। पुलिस को कार में फंसे लोगों को निकालने में करीब तीन घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। हादसे में ई-रिक्शा एजेंसी संचालक के इकलौते बेटे समेत तीनों दोस्त बच नहीं सके। दो को गम्भीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हुण्डई वेन्यू कार आगे चल रहे ट्राला में फंसी थी, अगला हिस्सा धंस गया था
इंस्पेक्टर काकोरी नवाब अहमद ने बताया कि रात करीब 12.30 बजे हादसे की सूचना मिली। रेवरी टोल प्लाजा किमी 289 पहुंचने पर हुण्डई वेन्यू कार आगे चल रहे ट्राला में फंसी थी। कार का अगला हिस्सा धंस गया था। आगे बैठे लोग सीट और डैशबोर्ड के बीच फंसे थे। पिछली सीट पर तीन लोग खून से लथपथ पड़े हुए थे।
टक्कर की वजह से कार के दरवाजे जाम हो गए थे
इंस्पेक्टर ने बताया कि टक्कर की वजह से कार के दरवाजे जाम हो गए थे। जिन्हें खोलने का काफी प्रयास किया गया। अगला हिस्सा ट्राला में घुस गया था। क्रेन की मदद से कार को बाहर खींचा गया।
पुलिस ने कार का गेट तोड़कर शव निकाले
उन्होंने बताया कि कार फर्रुखाबाद जहानगंज निवासी शशांक राठौर (24) चला रहा था और बगल की सीट पर फतेहगढ़ सिविल लाइन निवासी शिवम यादव (24) था। दोनों की ही मौके पर मौत हो गई थी। पुलिस ने कार का गेट तोड़ कर उनके शव बाहर निकाले। पिछली सीट पर बैठे जेएनबी रोड फतेहगढ़ निवासी अनुज राठौर (24) की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हुई। आवास विकास कॉलोनी निवासी शांतनु सिंह (24) और सेंट्रल जेल निवासी आदित्य राजपूत उर्फ अमन (22) को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एकलौते बेटे की मौत से आहत पिता के छलक पड़े आंसू
शशांक राठौर के पिता उदय बहादुर सिंह ई-रिक्शा की एजेंसी चलाते हैं। पुलिस से सूचना मिलने के बाद वह लखनऊ पहुंचे। पोस्टमार्टम हाउस पर रिश्तेदारों संग मौजूद उदय बहादुर ने कहा कि इकलौता बेटा था। दो दिसंबर को शादी थी। दोस्तों ने प्लान बनाया था कि शशांक की शादी की खरीदारी लखनऊ से करेंगे। शुक्रवार को आदित्य की बहन अंजलि की कार लेकर सभी लोग लखनऊ के लिए रवाना हुए थे। यह बात कहते हुए उदय का गला रुंध गया।
फर्रुखाबाद से निकलते वक्त लखनऊ में रुकने का बना था प्लान
कार में शशांक के साथ शिवम, आदित्य, शांतनु और आदित्य भी थे। शिवम करीब दो साल से लखनऊ के बुद्धेश्वर इलाके में किराए पर रह कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। फर्रुखाबाद से निकलते वक्त प्लान बना था कि रात में शिवम के कमरे पर रुकेंगे। शनिवार को खरीदारी की जाएगी। इसके बाद वापस लौटेंगे। वहीं, शिवम के पिता बदन सिंह ने बताया कि सभी बच्चे आर्मी स्कूल में साथ पढ़े थे। गहरी दोस्ती थी लेकिन किसे पता था कि ऐसा हादसा हो जाएगा।