#LucknowNagarNigamElection2023 : मेयर के कार्यकाल के साथ ही ईको ग्रीन का साम्राज्य भी खत्म,विरोध के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई

विपक्ष व सत्तापक्ष के पार्षद भी ईको ग्रीन के रहे खिलाफ

0 111

लखनऊ

शहर की निर्वतमान महापौर संयुक्ता भाटिया के पांच साल के कार्यकाल समाप्त होते ही शहर की साफ सफाई का जिम्मा उठा रही चीनी कम्पनी ईको ग्रीन को नगर निगम से हटाने का काम शुरू हो गया। हालांकि नगर निकाय चुनाव में लगे आचार संहिता की वजह से कार्रवाई पर रोक लगा दी गई। अभी भी यह डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करा रही है। आचार संहिता हटते ही यह कम्पनी नगर निगम से हट जाएगी। वहीं विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के पार्षद भी ईको ग्रीन के खिलाफ रहे। नगर निगम की कार्यकारिणी में भी इसे लेकर बहस छिड़ी, हंगामा हुआ पर, महापौर सभी विरोधों का दरकिनार करते हुए इस कम्पनी पर मेहरबान रहीं।
इधर, संयुक्ता भाटिया महापौर पद का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही ईको ग्रीन पर सख्त होने लगंीं। इसकी वजह ये बतायी गयीं कि श्रीमती भाटिया इस बार फिर खुद या बहू की टिकट के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के नेताओं की तरफ दौड़ लगाने लगीं। ताकि दोबारा टिकट मिलने पर ईको ग्रीन का मुद्दा उन पर भारी न पड़े और इसे इस बार के चुनाव में उछाला ना जा सके। इसी मुद्दे को उठाकर विपक्ष को भी जवाब देने में समर्थ रहूं। लेकिन यहां मामला उलट गया। संयुक्ता भाटिया या उनकी बहू की दावेदारी पर भाजपा ने मुहर नहीं लगायी और इस बार भाजपा ने सुषमा खरकवाल को महापौर पद की जिम्मेदारी सौंप दी। नगर विकास मंत्री एके शर्मा भी ईको ग्रीन कम्पनी के कामकाज से खुश नहीं थे।

मौजूदा समय में भाजपा की महापौर उम्मीदवार सुषमा खरकवाल को भी जगह जगह इस कम्पनी की वजह से लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। शहर के तमाम इलाकों में लोगों ने साफ सफाई को लेकर इस कम्पनी की शिकायत की। क्षेत्रीय पार्षदों से अपनी बात नगर निगम प्रशासन और महापौर तक पहुंचाई। लेकिन संयुक्ता भाटिया के इस कम्पनी की नरम रूख की वजह से पार्षद भी कहकर थक जाते थे।
ईको ग्रीन कम्पनी से एग्रीमेंट वर्ष 2016 में हुआ था। उससे पहले एक कम्पनी को हटाया गया था। संयोग की बात यह थी कि उस 19 मार्च 2017 को भाजपा की सरकार बनी और 21 मार्च 2017 को पहले से तैयार एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुए। कंपनी ज्योति इनवायरोटेक के कचरा प्रबंधन में फेल होने के बाद वर्ष 2017 में ईकोग्रीन एनर्जी को इसका जिम्मा सौंपा गया। इसे लेकर त्रिपक्षीय अनुबंध हुआ। इसमें पहला पक्ष नगर निगम, दूसरा नगर विकास (शासन) की ओर से सीएंडडीएस जल निगम और तीसरा ईकोग्रीन थी। शुरुआत के दो साल सही तरीके से काम करने के बाद कंपनी लापरवाह हो गई। इससे शिवरी प्लांट पर कूड़े का पहाड़ बनने लगा। इस समय यहां करीब 25 लाख मीट्रिक टन कूड़ा जमा है।
डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में भी कंपनी फर्जीवाड़ा करने लगी। ऐसे में ईकोग्रीन की कमाई तो दोहरी हो गई, लेकिन सफाई व्यवस्था चौपट हो गई। शिवरी प्लांट ठप होने से बढ़ते कूड़े के पहाड़ पर शासन से लेकर एनजीटी तक ने नाराजगी जताई और दो बार में 40 करोड़ का जुर्माना भी लगाया। इसके बाद नगर निगम ने सख्ती की। मंडलायुक्त रोशन जैकब ने कंपनी को फटकार लगाई। प्लांट के अलावा शहर में कूड़ा ट्रांसफर स्टेशनों पर मिले खराब हालात को लेकर कंपनी को नोटिस दिया, पर कोई सुधार नहीं हुआ।
ईकोग्रीन नगर निगम से पैसा लेकर पेटी कांट्रैक्टरों को समय से भुगतान नहीं करती थी। इससे वे हड़ताल पर चले जाते थे। सफाई व्यवस्था पर इसका असर पड़ता था। नगर निगम की स्वच्छता रेटिंग भी बीते साल पांच पायदान गिरकर 12वें से 17वें स्थान पर पहुंच गई। इसके बाद शासन स्तर पर हलचल हुई और अब ईकोग्रीन का अनुबंध निरस्त कर दिया गया है।
अनुबंध के तहत ईकोग्रीन को सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 के तहत शहर के सभी आवासीय, अनावासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से अलग-अलग कूड़ा एकत्र करना था। फिर उसे ट्रांसफर स्टेशन और फिर वहां से शिवरी प्लांट ले जाना था। यहां कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण होना था। हालांकि, ईकोग्रीन ने न तो कूड़ा कलेक्शन किया और न ही सही तरीके से प्लांट चलाया।
नगर आयुक्त ने ईकोग्रीन का अनुबंध निरस्त करने की रिपोर्ट प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात को भेजी है। इसमें कहा कि कार्यहित में जल निगम की सीएंडडीएस इकाई को अनुबंध निरस्त करने के लिए निर्देशित करते हुए ईकोग्रीन को टर्मिनेशनल नोटिस जारी किए जाने की अनुमति दें। आगे व्यवस्था चलाने के लिए शासन स्तर पर कमेटी बनाने की जरूरत है। इधर, ईकोग्रीन का काम छीन गया और साफ-सफाई की सारी जिम्मेदारी नगर निगम ने ली। लेकिन वहीं नगर निकाय चुनाव की घोषणा से आचार संहिता लग गई और कम्पनी पर कार्रवाई होनी रूक गई। हालांकि अभी भी कम्पनी डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन रा रही है। नगर निगम के एक अफसर का कहना है कि चुनाव बाद इस कम्पनी को यहां से हटा दिया जाएगा।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.