लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में लापरवाही: रोती बिलखती महिला बोली “मैं बेड पर पति की देखरेख करूं या डॉक्टर को ढूंढु?…”

अल्ट्रासाउंड कराने के दो दिन बाद डॉक्टर देखने नहीं पहुंचे

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लखनऊ, संवददाता।
“मेरे पति चार दिनों से यहां भर्ती हैं लेकिन उनकी अल्ट्रासाउंड जांच कराने के बावजूद डॉक्टर देखने नहीं आए। मैं बेड पर पति की देखरेख करूं या उन्हें छोड़कर डॉक्टर को ढूंढु?…” इस गरीबी में पति के इलाज के लिए एक लाख रूपए से अधिक तो उधार लिए हैं। रोजाना रूपयों की मांग की जाती है……कहां से लाऊं मैं ये रूपए..कमाने वाला तो बिस्तर पर जिन्दगी और मौत से लड़ रहा है…यह कहकर नीलम बिलख पड़ीं।
गोलागंज निवासी नीलम के ६५ वर्षीय पति रामकुमार बलरामपुर अस्पताल के एसएस ब्लॉक में प्रथम तल पर स्थित जनरल वार्ड में भर्ती हैं। बेड नं वी/4 बेड पर भर्ती रामकुमार की किडनी व लीवर खराब है साथ ही दोनों पैरों में पानी भर गया है। इस वजह से वह बिना किसी सहारे के चल फिर नहीं सकते। रामकुमार 24 सितम्बर से यहां भर्ती हैं। उसी दिन डॉक्टर उन्हें देखने आए और अल्ट्रासाउंड कराने को कहा।
अल्ट्रासाउंड कराकर बैठे हैं लेकिन अभी तक कोई डॉक्टर रिपोर्ट देखने नहीं आया
पत्नी नीलम ने बताया कि अल्ट्रासाउंड कराकर बैठे हैं। लेकिन अभी तक कोई डॉक्टर रिपोर्ट देखने या सलाह देने नहीं आया। उनकी तीन बेटियों ही हैं जो व्यस्त रहने के बावजूद कभी कभी पहुंच आती हैं। रामकुमार अमीनाबाद में सड़क किनारे चाट का ठेला लगाते हैं। उनके पास आयुष्मान कार्ड तक नहीं हैं। एक तरफ गरीबी और दूसरी ओर उधारी से परेशान दम्पत्ति के सामने मानों दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है। नीलम के रोने बिलखने पर आस पास के मरीज व तीमारदार भी उन्हें ढाढस बंधा रहे थे।
बलरामपुर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनबी सिंह तक मामला पहुंचा ता उन्होने तत्काल पीडि़त मरीज के पास डॉक्टरों की टीम भेजी। साथ ही आगे से एलर्ट रहने की भी हिदायत दी।
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