TB के इलाज के लिए MDR को मंजूरी, KGMU के डॉ. सूर्यकांत बोलें- छह माह में ही होगा प्रभावित मरीजों का इलाज

उत्तर प्रदेश में MDR के लगभग 20 हजार मरीज़ों को मिलेगा लाभ

0 115

लखनऊ, संवाददाता।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने TB प्रतिरोधक व इसके इलाज की नई पद्धति MDR को मंजूरी दे दी है। यह पुरानी MDR TB के इलाज की विधि की तुलना में अधिक प्रभावी और सुरक्षित है। इस पद्धति से MDR TB से प्रभावित मरीजों का इलाज केवल छह माह में ही हो सकेगा। उत्तर प्रदेश में MDR के लगभग 20 हजार मरीज हैं जिनसे इन्हें लाभ मिलेगा।

MDR TB का इलाज 20 माह तक चलता है- डॉ. सूर्यकांत

लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि MDR TB का इलाज 20 माह तक चलता है। MDR की दवाओं के सेवन के बाद कई तरह के दुष्प्रभाव भी सामने आते हैं। MDR के इलाज में स्वास्थ्य मंत्रालय ने BPALM पद्धति को स्वीकृति दी है। जिसमें प्रीटोमैनिड, बेडेक्विलिन, लिनेजोलिड और मॉक्सीफ्लाक्सेसिन शामिल हैं।

ड्रग रेजिस्टेंट TB के उपचार की अवधि को कम करने के उद्देश्य से देश के इंडियन काउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा पिछले कुछ वर्षों से शोध चल रहे थे। बी. पाल तथा एम.बी. पाल इनके प्रमुख थे।

KGMU के इन दोनो शोधों का केन्द्र रहा, अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिली

नार्थ जोन TB टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ. सूर्यकान्त के मुताबिक KGMU के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग इन दोनो शोधों का केन्द्र रहा है तथा साल 2022 में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की गुणवत्ता देखते हुए इसे ड्रग रेजिस्टेंट TB के उपचार के लिए अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिल चुकी है।

इन्टरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एण्ड लंग डिसीज (I.U.A.T.L.D), विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा भारत सरकार द्वारा KGMU के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डीआर टीबी सेंटर घोषित किया गया था।

नये इलाज में विभाग का भी योगदान गर्व की बात

इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डीआर टीबी सेंटर के इंचार्ज डॉ. सूर्यकान्त बताते हैं कि उन्हें इस बात का गर्व है कि नये इलाज में विभाग का भी योगदान रहा है। KGMU की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानन्द ने विभाग की उपलब्धियों की सराहना करते हुए बधाई दी है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.