यूपी के चिकित्सा संस्थानों में मामूली वेतन पर नौकरी करते हैं आउटसोर्स कर्मी, दो साल बाद भी लागू नहीं हुई वेतन समिति की रिपोर्ट, अब उठी मांग

संविदा कर्मचारी संघ ने मोहनलालगंज से सपा सांसद आर. के. चौधरी को दिया ज्ञापन

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Indinewsline, Lucknow:
उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा संस्थानों में तैनात आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ा। इसके लिए वेतन समिति की रिपोर्ट दो साल बाद भी लागू नहीं की गई। संविदा कर्मचारी संघ ने वेतन समिति की रिपोर्ट को लागू कराने की मांग की है। मोहनलालगंज से सपा सांसद आर. के. चौधरी को ज्ञापन दिया। सांसद ने बताया कि इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।

दो वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं जारी हुआ शासनादेश


उप्र संयुक्त आउटसोर्सिंग व संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्र ने बताया कि सांसद से मामले को लेकर अवगत कराया गया है। 20 अप्रैल 2023 को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक की अध्यक्षता में वेतन समिति का गठन किया गया था तथा 9 जून 2023 को महानिदेशक ने समिति की रिपोर्ट शासन को भेजी थी। दो वर्ष बीत जाने के बाद भी इसका कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ। इसकी वजह से लाखों कर्मचारियों का वेतन बढ़ोतरी नहीं हो पाया। सभी मेडिकल कॉलेज तथा चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी बेहद कम वेतन पर कार्य कर रहे हैं।

कर्मचारियों को सम्मान पूर्ण वेतन मिलना चाहिए- सांसद


सांसद आर के चौधरी ने बताया कि हमारी पार्टी लगातार सदन में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के कम वेतन पर काम करने की चर्चा कर रही है। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों को सम्मान पूर्ण वेतन मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अगर वेतन समिति के गठन करने का आदेश दिया था तो शासन को तत्काल इसे लागू करना चाहिए। वेतन समिति की रिपोर्ट लागू करने के लिए सांसद ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।

ज्ञापन में ये पदाधिकारी व कर्मी रहे शामिल
ज्ञापन में सच्चिता नन्द मिश्र के अलावा शशिकांत प्रजापति, अमित शर्मा, लवकेश तिवारी, आशीष सिंह, अभय मिश्रा, अजय कुमार सिंह, मनीष यादव, अनुज यादव, बलबीर यादव आदि पदाधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे।

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