देश और उत्तर प्रदेश में 1 से 30 सितम्बर तक सातवां राष्ट्रीय पोषण अभियान चलेगा। इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की निदेशक सरनजीत कौर ब्रोका ने सम्बन्धित अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा- निर्देश दिए हैं।
इस वर्ष पोषण माह की थीम एनीमिया (टेस्ट, ट्रीट एंड टॉक), वृद्धि निगरानी, ऊपरी आहार, पोषण भी पढ़ाई भी और बेहतर प्रशासन के लिए प्रौद्योगिकी निर्धारित की गई है।
प्रधानमंत्री के विजन “सुपोषण भारत” पर आधारित
पोषण अभियान बच्चों एवं महिलाओं में व्याप्त कुपोषण को दूर करने के लिए विभिन्न विभागों के कन्वर्जेन्स से सम्बन्धित एक मिशन है जो प्रधानमंत्री के विजन “सुपोषण भारत” पर आधारित है।
पोषण अभियान के तहत छह साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती, धात्री और किशोरियों के पोषण स्तर में सुधार लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
राष्ट्रीय पोषण माह का फोकस पोषण से सम्बन्धित सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन, सामुदायिक सहभागिता पर है। इसी को ध्यान में रखते हुए पोषण माह में पोषण आधारित जीवन चक्र के महत्वपूर्ण चरणों गर्भावस्था, शैशवावस्था, बचपन और किशोरावस्था में पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता लाने के लिए समुदाय में प्रचार- प्रसार के लिए विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाएँगी।
खून की जाँच कर उसकी शीघ्र पहचान एवं उपचार जरूरी
सभी आयु वर्ग में वृद्धि निगरानी के लिए वजन एवं लम्बाई की नाप एवं एनीमिया की रोकथाम के लिए खून की जाँच कर उसकी शीघ्र पहचान एवं उपचार जरूरी है।
इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आउटरीच गतिविधियां आंगनबाड़ी केन्द्रों, गांवों, मलिन बस्तियों, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में आयोजित की जाएँगी। इस दौरान गर्भवती, धात्री एवं किशोरियों को पौष्टिक तत्वों के सेवन, वृद्धि निगरानी और उनके महत्व के बारे में परामर्श दिया जायेगा।
अभियान में ऊपरी आहार देने पर जोर
पोषण अभियान में ऊपरी आहार देने पर जोर होगा। छह माह के बाद माँ के दूध के साथ अर्द्ध आहार ऊपरी आहार कहलाता हैं। छह माह के बाद केवल स्तनपान बढ़ते बच्चों की आवश्यकता को पूरा नहीं कर पाते हैं। इसलिए दो वर्षों या इससे अधिक समय तक लगातार स्तनपान के साथ ऊपरी आहार देना चाहिए। इस पर भी विभिन्न गतिविधियां अयोजित की जाएँगी एवं धात्री महिला एवं बच्चे के परिवार के सदस्यों को परामर्श दिया जायेगा।
खेलो और पढ़ो कार्यक्रम का होगा आयोजन
पोषण भी पढ़ाई भी कि अवधारणा को मजबूत करने के लिए खेल आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ साथ समुदाय आधारित खेलो और पढ़ो कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। इसी क्रम में अभिभावकों से उनके घर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर उन्हें इसके महत्व के बारे में बतायेंगी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को स्वदेशी खिलौने बनाने का प्रशिक्षण दिए जाने के उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित की जाएगी। पोषण को बढ़ावा देने वाली खेल गतिविधियां अभियान के तहत आयोजित की जाएँगी। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शिक्षा चौपाल का आयोजन किया जायेगा।
बेहतर निगरानी और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए प्रद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए पोषण ट्रेकर एप पर जिला स्तरीय अधिकारियों से लेकर ग्राम स्तर कार्यकर्ताओं द्वारा बुनियादी ढांचे से लेकर गतिविधियों तक के आंकड़े भरे जायेंगे। इसी क्रम में अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा।