प्राकृतिक चिकित्सा की प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों ने की पंजीकरण की मांग, डिप्टी सीएम से मिले डॉक्टर

प्राकृतिक चिकित्सा में स्नातक (BNYS) डॉक्टर को दे रहे रजिस्ट्रेशन एवं आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना का स्वागत

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Indinewsline, Lucknow:
उत्तर प्रदेश में कई दशकों से प्राकृतिक चिकित्सा की प्रैक्टिस करने वाले अनुभवी वरिष्ठ व संस्थागत योग्यता प्राप्त डिप्लोमा धारक डॉक्टरों ने पंजीकरण की मांग की है। इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से मुलाकात की।

प्राकृतिक चिकित्सा में स्नातक डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन एवं आयुष विवि की स्थापना का स्वागत


सभी ने राज्य में प्राकृतिक चिकित्सा में स्नातक (BNYS) डॉक्टर को दे रहे रजिस्ट्रेशन एवं आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना का स्वागत किया। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री ने केंद्र द्वारा 4 सितंबर 2006 की गाइडलाइन राज्य सरकार को भेजे गए दिशा-निर्देश के आधार पर यथाशीघ्र वरिष्ठ व संस्थागत योग्यता प्राप्त प्राकृतिक चिकित्सकों के पंजीयन को गंभीरता पूर्वक लेते हुए आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ से टेलीफोन पर विस्तृत चर्चा की।

प्रदेश में रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के समग्र विकास, शिक्षण, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान हेतु प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग का एक्ट बनाने के संदर्भ में यथोचित कार्यवाही के लिए लिखा।

प्राकृतिक चिकित्सा को प्रोत्साहित करने पर भी जोर


नेशनल आयुष मिशन (NAM) के अंतर्गत इस पद्धति को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया गया। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान एक और बैठक आयुष मंत्री दयालु के साथ करें।

उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के प्रचार-प्रसार, रोजगार के लिए नेशनल आयुष मिशन व नेशनल हेल्थ मिशन के माध्यम से चिकित्सकों को नियुक्ति करने आदि महत्वपूर्ण विषयों पर भी ज्ञापन दिया।

प्रतिनिधिमंडल में ये सदस्य रहें शामिल


प्रतिनिधिमंडल में इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन (I.N.O.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत बिरादार, डॉ. ओमप्रकाश आनंद, डॉ. सत्येंद्र मिश्र, डॉ. पूनम रानी, डॉ. नन्दलाल जिज्ञासु, डॉ. एस.एल. यादव, डॉ. एल.के. रॉय, डॉ. विनोद कुमार यादव एवं डॉ. अरुण भरारी शामिल रहे।

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