लबों पर उसके कभी बद्दुआ नहीं होती, बस एक माँ है जो मुझसे खफा नहीं होती…

मदर्स डे पर सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

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उपेन्द्र कुमार पांडेय
आजमगढ़। आजमगढ़ शहर के इटौरा स्थित संस्कार पाठशाला में मदर्स डे के अवसर पर सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने मां पर आधारित तमाम तरह के नाट्य, नृत्य और संगीत प्रस्तुत किए गए।
बच्चों की शानदार प्रस्तुति देखकर आए हुए अभिवावक भाव विभोर हो उठे। विद्यालय के प्रबंधक राजीव त्रिपाठी का कहना था की स्याही खत्म हो गई लिखते लिखते ऐ मां तेरे प्यार की दास्तां लिखते लिखते। मां तो हमेशा खास होती है। इसलिए ही तो वो हमारी पहली गुरु, पहली दोस्त और पहली सखी होती है। वो हमें कभी भी जज नहीं करती हैं। जब भी हमें चोट या दर्द होता है तो हमारे मुंह से सबसे पहला शब्द ही मां निकलता है।
विद्यालय के प्रिंसिपल चंदन सिंह का कहना था की विद्यालय द्वारा इस तरह के आयोजन माताओं को सम्मान देने के लिए किया जाता है। और साथ ही साथ जागरूक भी किया जा सके। आइडियल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव साहित्यकार संजय कुमार पांडेय सरस ने इस तरह के आयोजनों की प्रशंसा करते हुए विद्यालय परिवार को धन्यवाद देते हुए एक प्रसंग के दौरान कहा की मां के चरणो के नीचे ही स्वर्ग है।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की छात्रा अंकिता पांडे और निखिल ने किया। विद्यालय की अन्नू, अंकिता, काव्या दुबे, रिया चौधरी, नव्या पांडे, दिव्यानी पांडे, परी दुबे, कृति पांडे ने बेहतरीन पार्टिसिपेट किया। इस दौरान के. एस श्रीवास्तव, रंजन त्रिपाठी, सहित विद्यालय के अध्यापक और अभिवावक उपस्थित रहे।
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