इंडिन्यूजलाइन, लखनऊ
मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद की ओर से शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद आसिफी मस्जिद में विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारी अपने हाथों में बैनर व पोस्टर लेकर निकले, जिसमें सऊदी सरकार और आले सऊद शासकों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लिखे हुए थे। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने नए वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। सरकार से वक्फ संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की। प्रदर्शनी के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही।
अमेरिका के इशारे पर चलती है सऊदी हुकूमत
मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि सऊदी हुकूमत अमेरिका के इशारे पर चलती है। उन्हीं के कहने पर जन्नतुल बकी कब्रिस्तान को ध्वस्त किया गया। सऊदी में इस्लाम विरोधी काम हो रहे हैं।
वक्फ कानून का समर्थन करने वाले सरकार के पिट्टू
उलेमा ने बताया कि 1925 में सऊदी सरकार ने पैगम्बर मोहम्मद साहब की बेटी हजरत फातिमा जहरा के रोजे का ढहा दिया। नए वक्फ कानून पर मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि जो धर्म गुरु वक्फ कानून का समर्थन कर रहे हैं वो सरकार के पिट्टू हैं। सरकार कहती है कि हम मुसलमानों की तरक्की के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन हमारा घर ही छीन लिया जा रहा है ये कैसी तरक्की है।
सड़क पर उतरकर आन्दोलन करने की चेतावनी
मौलाना ने कहा कि हम सड़क पर उतरकर आन्दोलन करेंगे। नए वक्फ कानून के मसले में हम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ खड़े हैं। मौलाना ने बिहार के जेडीयू के नेता नीतिश कुमार, टीडीपी के चन्द्रबाबू नायडू को गद्दार बताया।
सऊदी सरकार से जन्नत उल बकी के पुन: निर्माण की मांग
प्रदर्शन में मौलाना रला हुसैन रिजवी, मौलाना फैज अब्बास मशहदी, मौलना शबाहत हुसैन ने सऊदी सरकार से जन्नत उल बकी के पुन: निर्माण की मांग की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और भारत सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि सऊदी सरकार पर जन्नतुल बकी के पुन: निर्माण के लिए दबाव डाला जाये ताकि पवित्र मजारों के निर्माण की अनुमति हमें दी जा सके। मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद ने जन्नतुल बकी के पुन: निर्माण के लिए संयुक्त राष्ट्र, दिल्ली स्थित सऊदी अरब दूतावास और भारत सरकार को ईमेल के माध्यम से एक मेमोरेंडम भी भेजा गया।
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