लखनऊ के लाहिया संस्थान में बायोमेट्रिक हाजिरी व वर्दी के नाम पर शोषण,संविदा कर्मियों का विरोध में प्रदर्शन
लखनऊ: बायोमेट्रिक हाजिरी में गड़बड़ी व वर्दी न पहनने पर वेतन कटौती का आरोप लगाते हुए गुरुवार को लोहिया संस्थान के संविदा कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन का घेराव कर विरोध दर्ज कराया। संविदा कर्मचारियों का आरोप है कि बायोमेट्रिक हाजिरी में गड़बड़ी हो रही है। साथ ही ड्रेस कोड के नाम पर वेतन कटौती करने की साजिश चल रही है। इसकी लगातार शिकायत की जा रही है। गड़बड़ी की वजह से कटकर मानदेय आ रहा है। लोहिया संस्थान के कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन का घेराव कर विरोध दर्ज कराया है। बायोमेट्रिक हाजिरी में गड़बड़ी से सैकड़ों कर्मचारियों की तनख्वाह कट गई। आक्रोशित कर्मचारी प्रशासनिक भवन के बाहर मौजूद होकर प्रदर्शन किया। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर कर्मचारियों ने दोपहर में प्रशासनिक भवन का घेराव किया। मामले में संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजन भटनागर ने कर्मचारी संघ को वार्ता के लिए बुलाया। प्रदेश महामंत्री सच्चितानन्द मिश्रा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने संस्थान के सीएमएस डॉ. राजन भटनागर व चिकित्सालय सीएमएस डॉ. सुजीत राय के समक्ष अपनी बात रखी। संविदा कर्मचारी संघ की ओर से हर माह की 7 तारीख तक वेतन देने तथा बायोमेट्रिक मशीन के अलावा मैनुअल उपस्थिति के अनुसार वेतन भुगतान करने की मांग की गई। साथ ही कहा गया कि ड्रेस न पहनने के कारण वेतन कटौती न हो। इसके अलावा वेतन बढ़ोतरी बोनस तथा अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। प्रदेश महामंत्री सच्चितानन्द मिश्रा ने बताया कि सीएमएस ने संविदा कर्मचारी संघ को आश्वस्त किया कि बायोमेट्रिक मशीन में खराबी को तत्काल सही करवाया जाएगा तथा इस माह कर्मचारियों के साथ वेतन में कटौती नहीं की जाएगी। इसके साथ ही हर माह की 7 तारीख तक वेतन भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। कर्मचारियों को प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी एवं बोनस का भुगतान किया जाएगा। श्री मिश्रा ने बताया कि लोहिया संस्थान में तैनात हजारों कर्मचारियों का वर्दी तथा बायोमेट्रिक हाजिरी को लेकर अधिकारियों द्वारा लगातार उत्पीडऩ किया जा रहा है। जून तथा जुलाई में ड्रेस ना पहनने वाले सैकड़ों कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया था। वहीं इस माह बायोमेट्रिक अटेंडेंस लिस्ट में आधे से अधिक कर्मचारियों को 15 दिन से पूरे माह तक अनुपस्थित दिखा दिया गया। जिस पर कर्मचारी आक्रोशित होकर जब कम्पनी के मैनेजर से बात किए जो संतोषजनक उत्तर न मिलने के कारण प्रशासनिक भवन के सामने धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी करने लगे थे। प्रतिनिधिमंडल में सच्चितानन्द मिश्रा के अलावा विकास तिवारी, आकाश पटेल, उदित वर्मा, लव यादव, अनुराग, जितेंद्र धानुक आदि मौजूद रहे।