पूरे लखनऊ में योगी सरकार द्वारा आम नागरिकों से जमीन छीनने के लिए चलाए जा रहे बुलडोजर राज के खिलाफ जमीन बचाओ सत्याग्रह आंदोलन शुरू होगा। यह फैसला अबरार नगर में हुए लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति के दूसरे सम्मेलन में लिया गया। सम्मेलन में हजारों की संख्या में महिला व पुरुष मौजूद रहे।
लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक राकेश मणि पांडेय ने बताया कि इस आंदोलन में सरकार से कुकरैल रिवर फ्रंट को योजना को रद्द करने, अबरार नगर, पंतनगर, रहीम नगर, खुर्रम नगर, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी और स्कॉर्पियो क्लब जैसी बस्तियों में कराई गई मनमानी पैमाइश को खारिज करने, इन क्षेत्रों को उजाडऩे की कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने, अकबरनगर के विस्थापित लोगों के सम्मानजनक जीवन की गारंटी करने, नजूल संपत्ति अध्यादेश 2024 को वापस लेने, मलिन बस्तियों को उजाड़ने के आदेश को रद्द करने और राजनीतिक प्रतिनिधियों व प्रशासन की वार्ता कमेटी का गठन करने जैसे मुद्दों को मजबूती से उठाया जाएगा। हजारों पर्चे लखनऊ के कोने-कोने में वितरित किए जाएंगे, लोगों की बैठकें की जाएगी और प्रशासन से भी इन सवालों पर संवाद किया जाएगा।
सम्मेलन में सपा की पूर्व मेयर प्रत्याशी वंदना मिश्रा, लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा, विधायक रविदास मेहरोत्रा, पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मुकेश सिंह चौहान, ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर आदि ने कहा कि योगी सरकार रियल स्टेट कारोबारी के हितों को पूरा करने के लिए एजेंट बनी हुई है। सरकार और प्रशासन के लोग वैध खसरा खतौनी, रजिस्ट्री के कागजात होने के बावजूद निवासियों को अवैध अतिक्रमणकारी बताने में लगी है। पूरे लखनऊ में भय व आतंक का माहौल बनाया जा रहा है। जो लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है। सरकार को अपने इस दमन अभियान से पीछे हटना चाहिए और आम आदमी की पीड़ा को समझते हुए समस्याओं का लोकतांत्रिक समाधान करना चाहिए।
सीपीएम के प्रवीण सिंह, भाकपा माले के मगन, अकबरनगर के नेता इमरान राजा, सपा की पूर्व सचिव शर्मिला महाजन, समाजवादी नेता पूजा शुक्ला, संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहम्मद सलीम, कांग्रेस के नगर अध्यक्ष शहजाद आलम, राजेंद्र प्रसाद मौर्य आदि लोगों ने भी संबोधित किया।