किसानों के मुद्दे पर कैट ने पीयूष गोयल को पत्र भेजकर व्यापारी, ट्रांसपोर्ट एवं उपभोक्ताओं को वार्ता में शामिल करने का किया आग्रह

आंदोलन में प्रधानमंत्री को मारने की धमकी देने वालों के स्वतः संज्ञान के सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली
किसानों के वर्तमान आंदोलन से व्यापार को हो रही अनेक परेशानियों के मद्देनज़र कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेजकर आग्रह किया है कि किसानों के साथ वार्ता में व्यापारियों, ट्रांसपोर्टर, उपभोक्ता सहित किसानी से संबंधित अन्य क्षेत्रों के प्रमुख संगठनों को भी शामिल किया जाये
किसान संगठनों के साथ किसी भी वार्ता अथवा समझौते का असर इन सभी वर्गों पर पड़ता है ।कैट ने कहा कि यदि किसान घाटे की खेती कर रहा है तो उसकी खेती को लाभ में बदलने की ज़िम्मेदारी सामूहिक रूप से सबकी है और सभी को मिलकर यह काम करना चाहिए। केवल केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ने की राजनीति से किसानों का कोई हित नहीं होने वाला है। पत्र की प्रति केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा एवं नित्यानंद राय को भी भेजी गई है, जो गोयल के साथ किसानों से वार्ता कर रहे हैं।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने यह भी सुझाव दिया है कि वर्तमान में जो कथित आंदोलन चल रहा है वह प्रकट रूप में केवल पंजाब के किसानों का है जबकि देश के अन्य विभिन्न राज्यों में भी पंजाब से अधिक खेती होती है।
इस दृष्टि से किसानों की समस्या के स्थायी समाधान के लिए देश के सभी 5-6 प्रमुख किंतु प्रामाणिक किसान संगठनों को भी बातचीत में शामिल किया जाये जिससे बार बार किसानों द्वारा आंदोलन करने की प्रवृति पर रोक लगे और एक ही बार में स्थायी समाधान हो। बार बार किसानों के। आंदोलन करने से व्यापार बुरी तरह प्रभावित होता है वहीं जन सामान्य की भी अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि जिस प्रकार से कथित आंदोलनकारी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को मारने की खुले आम धमकी दे रहे है और जिस असभ्य भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वो बेहद ही निंदनीय है और किसी भी हालत में स्वीकार नहीं है ।इसका सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तुरंत स्वतःसंज्ञान ले और ऐसे सभी व्यक्तियों के ख़िलाफ़ अविलंब कड़ी कारवाई करे ।जिस प्रकार से पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने अनेक महत्वपूर्ण विषयों का स्वतः संज्ञान लिया है, उसी प्रकार इस विषय का भी संज्ञान लिया जाना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री को सरे आम धमकी देना और बेहद असभ्य भाषा का प्रयोग करना क़तई स्वीकार नहीं है।
भरतिया एवं खंडेलवाल ने श्री राहुल गांधी और श्री भगवंत मान से माँग की है कि क्योंकि वो एमएसपी देने की ज़ोरदार वकालत कर रहे हैं तो सबसे पहले कांग्रेस कर्नाटक में और आप पंजाब के किसानों को राज्य सरकार की ओर से एमएसपी की गारंटी दे , जो उनके अधिकार क्षेत्र में आता है और जिसके लिए उन्हें केंद्र सरकार से स्वीकृति लेने की कोई ज़रूरत नहीं है । इसी प्रकार से जो भी अन्य दल ममता बनर्जी सहित एमएसपी का समर्थन कर रहे हैं, वो पहले अपने संबंधित राज्य में वहाँ के किसानों को उनकी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी दे ।

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