लखनऊ, विशेष रिपोर्टर।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शहर में खुले मैनहोल में गिरकर बच्चे की मौत मामले में खुद संज्ञान लेकर दर्ज PIL पर नगर निगम और LDA को 31 मई तक जवाबी हलफनामे दाखिल करने का आदेश दिया। मंगलवार को मामले की सुनवाई के समय नगर निगम की ओर से पेश अधिवक्ता ने कोर्ट को अब तक की गई कारवाई की जानकारी दी।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने मामले में स्वयं संज्ञान लेकर दर्ज जनहित याचिका पर दिया।
बीते 24 अप्रैल को स्थानीय अधिवक्ता आदर्श मेहरोत्रा ने घटना को लेकर प्रकाशित समाचार प्रस्तुत कर समस्या की ओर कोर्ट का ध्यान आकृष्ट कराया था। कोर्ट ने कहा था कि यह व्यापक जनहित से जुड़ा मामला है, जिसपर नगर निगम को गौर करना है। अधिवक्ता ने लोगों की जान की हिफाजत के लिए मामले में सख्त करवाई के निर्देश देने का आग्रह किया था।
कोर्ट ने मामले में नगर निगम से जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने राजधानी में खुले पड़े मैनहोल और गड्ढों समस्या को लेकर नगर निगम से पूछा कि पहले ऐसी कितनी मौतें हुईं? और क्या अफसरों से चूक हुई। इसको लेकर कोर्ट ने पूरी जानकारी मांगी थी।
मंगलवार को सुनवाई के समय नगर निगम की ओर से अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि घटना में मृत बच्चे के परिवार को 5 लाख रूपए की सहायता दी गई है। शहर के 300 से अधिक खुले मैनहोल को तुरंत बंद कराया गया है। संबंधित अधिशाषी अभियंता और अवर अभियंता के खिलाफ करवाई की गई है। साथ ही कार्य करवा रही संस्था को ब्लैक लिस्ट कर उसके खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है। भविष्य में ऐसे घटनाओं को रोकने को मानक कार्यप्रणाली (SOP) बनाए जाने की जानकारी भी दी। इसपर कोर्ट ने नगर निगम और LDA को अपने जवाबी हलफनामे दाखिल करने का आदेश देकर मामले की अगली सुनवाई 31 मई को नियत की है।