Trade Fair में बिहार पेवेलियन में पद्मश्री बउआ देवी की मिथिला पेंटिंग ने लोगों को किया आकर्षित
बउआ देवी के भगवान विष्णु के मत्स्यअवतार का पेटिंग एवं नाजदा खातून के सिकी से बना इंडिया गेट के मुरीद हुए लोग
नई दिल्ली
भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला के पार्टनर स्टेट बिहार पवेलियन में बिहार के मधुबनी जितवारपुर की मिथिला पेंटिंग की विश्वप्रसिद्ध कलाकार 80 वर्षीय पद्मश्री बउआ देवी की मिथिला पेटिंग का जीवंत प्रस्तुति (लाइव डेमो) एवं मधुबनी की प्रख्यात स्टेट अवॉर्डी सिकी कलाकार नाजदा खातून की सिकी कला का जीवंत प्रस्तुति ने लोगों का दिल जीत लिया। दोनों कलाकार का लाइव डेमो के आलावा बिहार पेवेलियन में इनके स्टॉल भी है l जीवंत प्रस्तुति से जहां आगंतुक मिथिला पेटिंग एवं सिकी कला की बारिकी को सुप्रसिद्ध कलाकार से सिख रहे हैं मिथिला पेटिंग कला को अपनी ‘आराधना’ मानने वाली बउआ देवी महज 13 साल के उम्र से ही खुद को इस कला के लिए समर्पित कर दिया उन्होंने कहा कि “मिथिला पेटिंग मेरे लिए साधना बन गई है और अब तो मरने के बाद ही यह कला मेरे शरीर से अलग होगी”l पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित बउआ देवी ने बताया कि मिथिला पेंटिंग बनाने की प्रेरणा उन्हें अपनी मां चंद्रकला देवी से मिली। विवाह में कोहबर, जनेऊ संस्कार, मंडप और पूजा के मौके पर दीवारों पर की जाने वाली पेंटिंग को देखकर उनके मन में भी पेंटिंग करने की जिज्ञासा जगी। इसी दौरान जब वह पांचवीं कक्षा में पढ़ ही रही थीं, तो उनकी शादी हो गई। ससुराल आने के बाद से वह मिथिला पेंटिंग से निरंतर जुड़ी हुई हैं।
बउआ देवी मधुबनी पेंटिंग की ‘नागकन्या श्रृंखला’ की 11 पेंटिंग दुनियाभर में चर्चित हुई हैं। बउवा देवी कहती हैं कि “अब इस कला का विस्तार गांव-घर से देश-दुनिया तक हो गई है। मैं खुद 11 बार जापान गई हूं और वहां महीनों रहकर कई कार्यक्रमों में मिथिला पेंटिंग कर चुकी हूं। इसके अलावा फ्रांस, ब्रिटेन, लंदन में भी मेरी पेंटिंग मौजूद हैं। देश के विभिन्न राज्यों से मेरी पेंटिंग की मांग की जाती है, जिससे मुझे खुशी होती है।”आज के कलाकारों को संदेश देते हुए वह कहती हैं, कलाकारों को मेहनत के साथ अपना कार्य जारी रखना चाहिए।