LUCKNOW KGMU में शांति मार्च निकाल रहे कर्मचारियों को पुलिस ने रोका

KGMU में शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी का आरोप

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लखनऊ। KGMU में सामान्य भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों की अनदेखी हो रही है। शिकायत के बावजूद सुधार न होने पर नाराज अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ व अन्य संगठनों ने मंगलवार को गेट नंबर-2 पर स्थापित छत्रपति शाहूजी महाराज की प्रतिमा स्थल पर प्रदर्शन किया। इसी बीच कर्मचारी प्रदर्शन स्थल से शांति मार्च निकालने का प्रयास करने लगे। जिन्हें पुलिस ने गेट पर ही रोक दिया। इससे हंगामा शुरू हो गया। महासंघ ने पुलिस पर जबरन रोकने का आरोप लगाया है।
महासंघ के अध्यक्ष रामचन्द्र पटेल ने कहा कि KGMU में शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी हो रही है। लगातार साक्षात्कार भी हो रहे हैं। सहायक आचार्य के सामान्य विज्ञापन में अनारक्षित वर्ग को 69 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 12 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को पांच फीसदी, अनुसूचित जनजाति को शून्य तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। जिसमें भी रोस्टर के अनुसार प्रत्येक दसवां पद न देकर मनमानी की गई है। KGMU से MS व MD की लिखित परीक्षा में पास आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को KGMU में ही नौकरी के साक्षात्कार में नाट फाउंड सूटेबल घोषित कर पद रिक्त छोड़ दिए जाते हैं। लेकिन दूसरी तरफ नीट यूजी व पीजी पास अभ्यर्थियों के बजाए प्राइवेट से डीएनबी कोर्स कर चुके डॉक्टरों को असिस्टेंट प्रोफेसर बना दिया जाता है।


बीते गुरुवार को प्रस्तावित शांति मार्च स्थगित हो गया था। KGMU की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद से आश्वासन मिलने के बाद अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ ने शांति मार्च को स्थगित किया था, लेकिन साथ ही चेतावनी भी दी थी कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो वह आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। उस दिन भी शांति मार्च KGMU से लेकर राज भवन तक निकालने की तैयारी थी, लेकिन कुलपति से आश्वासन मिलने के बाद शांति मार्च स्थगित हो गया था।

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