लखनऊ में फार्मासिस्ट की अचानक मौत, अफसरों ने नहीं भेजा शव वाहन

हार्ट अटैक की आंशका, सातवें फॉमासिस्ट की असमय मौत से हड़कम्प

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लखनऊ,रिपोर्टर।
जानकीपुरम के अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात फार्मासिस्ट सचिन पांडेय (35) की गुरूवार को अचानक मौत हो गई। ड्यूटी के बाद दोपहर 2.00 बजे वापस घर पहुंचे। उन्हें सीने में दर्द महसूस होने पर परिजन तत्काल नजदीकी अस्पताल ले गए। जहां से रेफर होने के बाद उन्हें केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हार्ट अटैक से उनकी मौत होने की आंशका जताई जा रही है।
इधर, उत्तर प्रदेश स्टेट फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन और फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने सचिन के शव को उनके पैतृक गांव भिजवाने के लिए एनएचएम के उच्च अधिकारियों को फोन किया पर कोई जवाब नहीं मिला। सुनील ने एनएचएम के विभागीय ग्रुप पर इसकी भी सूचना दी थी। इसे लेकर फार्मासिस्ट फेडरेशन अध्यक्ष, पदाधिकारी समेत सभी सदस्यों में खासी नाराजगी है। इसे लेकर अब तक सात युवा वर्ग के फार्मासिस्टों की असमय मौत से हड़कम्प मचा हुआ है। वहीं फेडरेशन ने लगातार युवा साथियों की असमय मृत्यु की जांच कर अन्य लोगों को सावधान रखने के लिए सलाह देने की मांग की है।
मूल रूप से गाजीपुर जनपद के निवासी थे सचिन….
जानकीपुरम के अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात फार्मासिस्ट सचिन पांडेय मूल रूप से गाजीपुर जनपद के निवासी थे। वह जानकीपुरम में अपनी मौसी के यहां रहकर नौकरी करते थे। उनकी एक तीन साल की मासूम बेटी मां गांव में ही रहती हैं। सचिन का छोटा भाई भी है।
फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील के मुताबिक सचिन के शव को गाजीपुर भेजने की व्यवस्था की गई है। फिलहाल दुख की इस घड़ी में हम सब साथ हैं। उन्होंने बताया कि एनएचएम के विभागीय ग्रुप पर सचिन के निधक की सूचना दी गई। उच्च अधिकारियों को मैने खुद फोन किया था। सचिन के शव को गाजीपुर भिजवाने के लिए अनुरोध किया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
यूपी में लगातार एक सप्ताह में सात फॉमासिस्टों की अचानक हुई मौत…
यूपी में लगातार एक सप्ताह में प्रांतीय फार्मेसी संवर्ग के सात फॉमासिस्टों की अचानक मौत हुई है। इन सभी मौतों के पीछे वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है। लखनऊ समेत अलग- अलग जिलों में छह व एक फार्मासिस्ट की सड़क हादसे में मौत हुई है। साथियों की अचानक हो रही मौतों पर फार्मसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने चिंता जताई। उन्होंने सरकार से मृतकों के परिजनों को आर्थिक रूप से सहयोग देने की मांग की है। सुनील यादव का कहना है कि हप्ते भर में सात युवा साथियों की अचानक हुई मौत ने फार्मासिस्ट समाज को द्रवित कर दिया है। फार्मसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि मानव जीवन में आए हैं तो जाना तय हैं लेकिन जब आकस्मिक और असमय मौत होती है तो दिल दहल जाता है।
इसके अलावा छह और फार्मासिस्टों की हुई थी अचानक मौत…
15 मई बुधवार को प्रयागराज में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हंडिया में तैनात प्रमोद यादव कार से ड्यूटी पर जा रहे थे। रास्ते में ही हार्ट अटैक हुआ। उन्होंने कार को किनारे लगाया और उनका दुखद निधन हो गया। कार में उनका शव ही मिला। उसी दिन ही कौशांबी मंझनपुर फार्मेसिस्ट सदाशिव सिंह की ड्यूटी के दौरान ही अस्पताल में मौत हो गई।
सुनील यादव के मुताबिक सिद्धार्थनगर मेडिकल कॉलेज में तैनात साथी श्री बी नारायण का 17 मई शुक्रवार को महराजगंज फरेंदा के पास सड़क हादसे में मौत हो गई। वहीं 18 मई शनिवार को प्रयागराज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर के फार्मेसिस्ट जय सिंह की ड्यूटी के दौरान आकस्मिक निधन हो गया।
सुनील यादव ने बताया कि इसी बीच सोमवार 20 मई को दो साथियों की मौत मन द्रवित हो उठा। बुलंदशहर मालागढ़ के साथी सूरज की आकस्मिक मौत हुई। अभी इस दुख से ऊबरा ही नहीं था कि शाम को ही दूसरे साथी की मौत ने तोड़ दिया। गाजीपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाराचवर में तैनात फार्मेसिस्ट वकार शाहिद का दौरा पडऩे से निधन हो गया। उनकी उम्र महज 40 से भी कम थी। वह बहराइच जिले के नानपारा के निवासी थे।
फार्मसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि इन छह साथियों में से केवल एक की सड़क हादसे में मौत हुई। जबकि अन्य पांच साथियों के मृत्यु का कारण अज्ञात है। एकाएक ड्यूटी पर या वाहन चलाते समय इस प्रकार की घटना का हो जाना, विचलित कर रहा है। आखिर यह क्या हो रहा है..?
फार्मासिस्ट फेडरेशन की तरफ से उन्होंने इन सभी साथियों के निधन पर हार्दिक शोक जताया है। उन्होंने कहा कि ईश्वर से यह कामना करता हूं कि मृतक की आत्मा को शांति और उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। साथ ही यह भी प्रार्थना है कि ऐसा दुखद दिन आगे ना देखना पड़े।

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