जनसंख्या स्थिरता पखवारे के तहत जागरूकता कार्यक्रम, सराहनीय योगदान देने वाले सभी स्वास्थ्य कर्मी सम्मानित

पीएसआई इंडिया के सहयोग से पीएचसी)- आयुष्मान आरोग्य मंदिर छितवापुर और सेवा सदन में हुआ जागरूकता कार्यक्रम

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लखनऊ, संवाददाता।
लखनऊ में 11 से 24 जुलाई तक सेवा प्रदायगी जनसंख्या स्थिरता पखवारा मनाया गया। विश्व जनसंख्या दिवस के उपलक्ष्य में इसका आयोजन हुआ था। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में स्वयंसेवी संस्था पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) के सहयोग से नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी)-आयुष्मान आरोग्य मंदिर छितवापुर और सेवा सदन में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें एक बच्चे वाली माताओं और नव विवाहित युवतियों ने प्रतिभाग किया।
स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन के आधुनिक अस्थायी साधन उपलब्ध
पीएचसी-आयुष्मान आरोग्य मंदिर छितवापुर पर प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शिखा श्रीवास्तव ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन के आधुनिक अस्थायी साधन उपलब्ध हैं। इनमें त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, आईयूसीडी, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली, छाया, कंडोम और आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली शामिल हैं। आशा कार्यकर्ता जब भी लाभार्थी को इन आधुनिक साधनों की जानकारी दें तो उन्हें इनके लाभ बताने के साथ ही उनके उपयोग से होने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे में भी जरूर बतायें जिससे कि उन्हें पहले से इस बात की जानकारी हो और वह मानसिक रूप से तैयार भी रहें।
परिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागित भी बहुत जरूरी
डॉ. शिखा ने बताया कि परिवार नियोजन पूर्णतया व्यक्तिगत मामला है। इसलिए इसकी काउंसलिंग के समय गोपनीयता बरतें। इसके साथ ही परिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागित भी बहुत जरूरी है। समुदाय में इस बात की जानकारी भी सभी को दें कि पुरुष नसबंदी महिला नसबंदी की अपेक्षा बहुत ही सरल और आसान है। इसको लेकर लोगों के मन में जो भ्रांतियां हैं उस पर भी जरूर बात करें। उन्होंने कहा कि जिन युवतियों का विवाह अभी जल्दी में हुआ है वह अनचाही गर्भावस्था से बचने के लिए इन साधनों पर विचार करें और जरूर अपनाएं।
बिना प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह के कोई दवा लेना हानिकारक हो सकता है
इस मौके पर पीएचसी प्रभारी डॉ. गीतांजली ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र पर परिवार नियोजन के सभी अस्थायी साधन मौजूद हैं और यहां पर आने वाली महिलाओं को इसके बारे में जरूर बताया जाता है कि दो बच्चों के जन्म के बीच पर्याप्त अंतर रखने के लिए इन साधनों को अपनाएं। बिना प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह के कोई दवा न लें यह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
सीमा आशा कार्यकर्ता की सलाह से त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अन्तरा अपना रही हैं
इस मौके पर लाभार्थी 24 वर्षीया सीमा (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उन्हें डेढ़ साल का बेटा है। आशा कार्यकर्ता की सलाह से वह त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अन्तरा अपना रही हैं। इस अवसर पर उपस्थित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और महिलाओं के सवालों के जवाब भी चिकित्सकों ने दिये और उनकी शंकाओं का समाधान भी किया। इस मौके पर डॉ. गीतांजली, एएनएम साधना सिंह और पवन, स्टाफ नर्स सुमन यादव तथा सुमित कुमार सिंह, फार्मासिस्ट सतीश यादव, आशा कार्यकर्ता मीनू पाल, सुनीता मिश्रा, नीता तिवारी व बीना भारती को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफ़ॉर) और पीएसआई-इंडिया के प्रतिनिधि तथा पीएचसी का स्टाफ भी मौजूद रहा।
परिवार के अन्य सदस्यों खासकर पति की भी काउंसिलिंग की जानी चाहिए
बुधवार को ही यह कार्यक्रम सेवा सदन पीएचसी पर भी आयोजित किया गया। यहां पर वरिष्ठ परिवार नियोजन विशेषज्ञ डॉ. ज्योति वाजपेयी ने कहा कि परिवार नियोजन साधनों को अपनाने की हर महिला की अलग-अलग जरूरत होती है, इसलिए उसी के मुताबिक़ उनकी काउंसिलिंग की जानी चाहिए। केवल महिला ही नहीं बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों खासकर पति की भी काउंसिलिंग की जानी चाहिए। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के साथ ही परिवार की खुशहाली के लिए भी परिवार नियोजन के साधनों को अपनाना जरूरी है।
दोनों सीएचसी पर पांच महिलाओं ने अंतरा और दो ने आईयूसीडी लगवाई
डॉ. ज्योति ने नसबंदी व अन्य परिवार नियोजन साधनों से जुड़ीं भ्रांतियों को भी दूर किया। इस मौके पर पीएचसी प्रभारी डॉ. अन्द्लीब रिजवी, पीएचसी का स्टाफ और पीएसआई-इंडिया के प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस मौके पर दोनों सीएचसी पर पांच महिलाओं ने त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा और दो ने आईयूसीडी लगवाई। इसके अलावा दोनो केंद्रों पर 355 कंडोम का वितरण हुआ, 37 महिलाओं ने माला- एन, 16 ने साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया और एक ने आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली ली।
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