कोलकाता में महिला रेजिडेंट के हत्यारों पर कार्रवाई की मांग को लेकर लखनऊ स्थित KGMU में भी धरना-प्रदर्शन चल रहा है। KGMU रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांश भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं।
संस्थान के गेट पर 53 घंटे से अधिक समय से अनशन पर बैठे KGMU रेजीडेंट डॉक्टर
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांश ने बताया कि हम अपने सुरक्षा की ही तो मांग कर रहे हैं, इसके लिए भी कानून बनाने में दिक्कत आ रही है, लोग हमारे साथ अभद्रता कर रहे हैं। इससे हमें लगता है कि हमने डॉक्टर बनकर गुनाह कर दिया है।
डॉक्टरों की सुरक्षा पर मुखर हुए डॉ. दिव्यांश
डॉ. दिव्यांश को बुधवार दोपहर में अनशन पर बैठे 53 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है। शरीर में भोजन न जाने से उनका कमजोर होना स्वाभाविक है, सड़क पर लेट कर ही बात कर रहे थे, अपने धरने और प्रदर्शन की जरूरत बता रहे थे, लेकिन जैसे ही डॉक्टरों की सुरक्षा की बात आई वह तरोताजा हो उठे और सुबह आये एक फोन कॉल का जिक्र छेड़ दिया।
हमारे अनशन और धरने से अधिकारी नाराज हैं
उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह 10:30 बजे के करीब पुलिस विभाग की तरफ से एक फोन आया था। बातचीत के दौरान हमारे अनशन और धरने से वह अधिकारी नाराज हो उठे। ऐसी टिप्पणी की जो नहीं करनी चाहिए। पुलिस का दबाव हमपर बनाना गलत है। इतना ही नहीं रेजीडेंट डॉक्टरों का धरना यहां गेट पर बीते दो दिनों से चल रहा है। मंगलवार शाम को कुछ बाहरी लोग यहीं पास में आकर शराब पीने लगे, हमने सुरक्षा गार्ड को बुलाया, लेकिन कोई नहीं आया।
सूचना देने के बावजूद आधे घण्टे बाद आई पुलिस
इतना ही नहीं पुलिस को बुलाया तो वह आधे घंटे बाद आई और हमसे ही पूछने लगी कि यहां क्या कर रहे हो। तब हमने बताया कि KGMU परिसर हमारा घर है, हम यहां पर रेजीडेंट डॉक्टर हैं। रही बात यहां बैठने की तो हम अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर यहां धरना दे रहे हैं। इस पर भी हमारे साथ जो व्यवहार किया गया, वह ठीक नहीं था। इस बीच शराब पीने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
क्या हमें अपने लिए सुरक्षा मांगने का अधिकार भी नहीं है?
डॉ. दिव्यांश ने कहा कि यह बातें आपको इसलिए बता रहे हैं कि हमारे सुरक्षा की मांग से बहुत से लोग नाराज हैं, लेकिन हमारी समस्या कोई नहीं समझ रहा है। क्या हमें अपने लिए सुरक्षा मांगने का अधिकार भी नहीं है?
तख्तियां हाथों में लेकर प्रदर्शन, न्याय की मांग
KGMU में रेजीडेंट डॉक्टरों ने बुधवार को पूरी तरह से काम बंद कर दिया था। OPD सेवायें बाधित कर दी, साथ ही OT में भी कोई सहयोग नहीं किया। रेजीडेंट डॉक्टरों नर OPD में सुबह तानाशाही नहीं चलेगी, आश्वासन नहीं न्याय चाहिए, मैं मर गई पर वह जिंदा है, जैसे नारों लिखी तख्तियां हाथों में लेकर प्रदर्शन किया।
रेजीडेंट डॉक्टर कोलकता के आरजी मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के विरोध में हड़ताल पर हैं। वह अनशन कर रहे हैं। आक्रोशित डॉक्टरों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। वह प्रोटेक्शन एक्ट की मांग पर अड़े हुये हैं।
हम मरीजों की समस्या समझते हैं, इमरजेंसी सेवाओं में कोई व्यवधान नहीं डाला जा रहा
रेजीडेंट डॉक्टरों का कहना है कि हम मरीजों की समस्या समझते हैं, यही वजह है कि इमरजेंसी सेवाओं में कोई व्यवधान नहीं डाला जा रहा है। वहीं KGMU प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि रेजीडेंट डॉक्टरों के प्रदर्शन से कोई खास असर नहीं पड़ा है। सीनियर डॉक्टरों ने मरीजों को OPD में इलाज दिया है। बुधवार को छह हजार से अधिक मरीज OPD में आये और डॉक्टरों ने उनकों इलाज दिया।