NEET व नेट परीक्षा में धांधली का मामला, अनुपम बोलें- परीक्षा करवाने में विफल शिक्षा मंत्री दें इस्तीफा

यह अपराध अक्षम्य है, मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग

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नई दिल्ली।
युवा हल्ला बोल आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की है। अनुपम ने कहा कि परीक्षाओं को सुचारू ढंग से करा पाने में सरकार पूर्णत: विफल साबित हुई है। हाल के दिनों में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित नीट की परीक्षा और यूजीसी नेट परीक्षा में हुई धांधली के कारण देश भर में आक्रोश है। मेडिकल प्रवेश के लिए होने वाले देशव्यापी नीट की परीक्षा में कई तरह की धांधली और गड़बडिय़ों के बावजूद सरकार छात्रों की सुन नहीं रही है।
पर्याप्त सबूत के बावजूद शिक्षा मंत्री ने शुरू में ही पेपर लीक की बात को किया था सिरे से खारिज…
प्रश्नपत्र लीक होने के पर्याप्त सबूत उपलब्ध होने के बावजूद शिक्षा मंत्री ने शुरू में ही पेपर लीक की बात को सिरे से खारिज कर दिया था। नीट का मामला चल ही रहा था कि अब यूजीसी नेट की परीक्षा में भी गड़बड़ी हो गयी और सरकार ने यह पेपर रदद् करके सीबीआई जांच की घोषणा कर दी। अनुपम ने बताया कि मतलब स्पष्ट है कि केंद्र सरकार परीक्षाएं नहीं करवा पा रही। किसी न किसी को तो इतनी बड़ी विफलता की जि़म्मेदारी तो लेनी पड़ेगी।
आम नागरिकों का परीक्षा तंत्र से उठ रहा विश्वास…
अनुपम ने इसे दुनिया के सबसे युवा देश में युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया है। शिक्षा मंत्री की अक्षमता के कारण नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जैसी संस्थान की साख पर भी बट्टा लगा है। आम नागरिकों का परीक्षा तंत्र से विश्वास उठ रहा है। युवाओं में पनप रहा गहरा असंतोष अब आक्रोश का रूप लेता जा रहा है। सिस्टम के प्रति युवाओं में यह अविश्वास बहुत चिंता की बात है।
प्रधानमंत्री मोदी अभी ‘परीक्षा पे’ एक शब्द नहीं बोल रहे…
युवा हल्ला बोल आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द समाधान करके भरोसा बहाल करने की कोशिश करे। लेकिन घोर विडंबना है कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ नामक इवेंट का आयोजन करने वाले प्रधानमंत्री मोदी अभी परीक्षा पे एक शब्द नहीं बोल रहे हैं। आज जब पूरा देश परीक्षाओं में हो रही धांधली और पेपर लीक पर प्रधानमंत्री को सुनना चाहता है तो वो परीक्षा का प भी नहीं बोल रहे।
भारत बना दुनिया का सबसे बड़ा लीक-तंत्र…
अनुपम ने कहा कि भारत को दुनिया का सबसे बड़ा ‘लीक-तंत्र’ बना दिया गया है। हाल ऐसा है कि बिना पेपर लीक के किसी परीक्षा का सम्पन्न हो जाना नामुमकिन सा लगने लगा है। मामले में केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक सबका निकम्मापन और अक्षमता उजागर हो चुकी है।
युवा भविष्य को अंधकार में धकेलना देश के साथ किसी पाप से कम नहीं…
युवा हल्ला बोल आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने पेपर लीक को राष्ट्रीय अभिशाप की संज्ञा दी जो देश के भविष्य को खोखला बना रहा है। ईमानदार और मेहनतकश जनता के सपनों को कुचला जा रहा है और भारत के करोड़ों युवाओं की क्षमता को बर्बाद किया जा रहा। युवा भविष्य को अंधकार में धकेलना देश के साथ किसी पाप से कम नहीं।
यह अपराध अक्षम्य, मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष होनी चाहिए जांच…
शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए अनुपम ने कहा कि यह अपराध अक्षम्य है। मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जब तक सत्ता में बैठे असल सरगना को नहीं पकड़ा जाता, तब तक ऐसे घटनाएं नहीं रुकेंगी। आम तौर पर जांच के नाम पर खानापूर्ति करके दो चार निरीह लोगों को गिरफ्तार करके मामले को रफा दफा कर दिया जाता है। इसी कारण से ऐसे घृणित अपराध बदस्तूर जारी है और एक के बाद एक परीक्षा का यही हाल हो जाता है।
युवाओं को एकजुट होकर अब सरकार पर बनाना होगा दबाव…
अनुपम ने बताया कि युवा हल्ला बोल आंदोलन लंबे समय से इन समस्यायों के निदान के लिए समाधान सुझाता रहा है। परीक्षाओं को सुचारू ढंग से अंजाम देने और पेपर लीक पर रोकथाम के लिए कई सकारात्मक सुझाव दिए हैं। लेकिन बड़े दुख की बात है कि संवेदना की कमी के कारण यह सरकार जल्द सुनने को तैयार नहीं होती। देश के नागरिकों और युवाओं को एकजुट होकर अब सरकार पर दबाव बनाना पड़ेगा कि वो राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करे। बिना मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के हम इन समस्यायों से बाहर नहीं निकल सकते।

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