स्कूली पाठ्यक्रम में संशोधन का विरोध, एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) का शिक्षा बचाओ आंदोलन को तेज करने की अपील

तथाकथित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पीछे छिपे एजेंडे को उजागर करें और आसन्न आपदा को रोकें

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नई दिल्ली, संवाददाता।
एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) ने एनसीईआरटी की पुस्तकों में संशोधन और अद्यतन के चौथे दौर में किए गए घोर विनाशकारी बदलावों पर विरोध जताया है। एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के महासचिव कॉमरेड प्रभास घोष ने बयान जारी कर शिक्षा-प्रेमियों, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों, शिक्षकों, छात्रों और जनता इसके लिए देशव्यापी शक्तिशाली शिक्षा बचाओ आंदोलन तेज करने की अपील की है। साथ ही कहा है कि तथाकथित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पीछे छिपे एजेंडे को उजागर करें और आसन्न आपदा को रोकें।
10वीं के विज्ञान पाठ्यक्रम से डार्विन के क्रम विकास के सिद्धांत और मेंडेलीव की आवर्त सारणी को हटाया
कॉमरेड प्रभास घोष ने बताया कि 10वीं कक्षा के विज्ञान पाठ्यक्रम में से आधुनिक विज्ञान के दो मूलभूत डार्विन के क्रम विकास के सिद्धांत और मेंडेलीव की आवर्त सारणी को हटा दिया गया है। इकबाल और फैज अहमद फैज जैसे दो प्रख्यात मुस्लिम कवियों की काव्य रचनाओं को हटा दिया गया है। मुगल और सुल्तानी काल के इतिहास को घटाकर न्यूनतम कर दिया गया है।
राम मंदिर-बाबरी मस्जिद वाले हिस्से के चार पन्नों को काट-छांटकर दो पन्नों में करने का विेरोध
उन्होंने बताया कि हुमायूं, शाहजहां, अकबर, जहांगीर और औरंगजेब जैसे मुगल सम्राटों की उपलब्धियों का विवरण देने वाली दो-पृष्ठ की तालिका व शीत युद्ध और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के दौर को भी हटा दिया गया है। ग्यारहवीं के समाजशास्त्र पाठ्यक्रम से गुजरात में हुए अल्पसंख्यक-विरोधी भयावह दंगों का विवरण हटा दिया गया है। अयोध्या (राम मंदिर-बाबरी मस्जिद) वाले हिस्से के चार पन्नों को काट-छांटकर दो पन्नों का कर दिया गया है और इसके बजाय सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसने उस जगह पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जहां कभी विवादित ढांचा खड़ा था, जिसे दिसंबर 1992 में आरएसएस-बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ढहा दिया था।
बाबरी विध्वंस पर सभी अखबारों की कतरनें हटाईं
कॉमरेड प्रभास घोष बताते हैं कि बाबरी मस्जिद को एक तीन गुंबद वाले ढांचे के रूप में वर्णित किया गया है, (जो) 1528 में श्रीराम के जन्मस्थान पर बनाया गया था, लेकिन इस ढांचे के अंदरूनी और बाहरी हिस्सों पर हिंदू प्रतीकों और अवशेषों का साफ प्रदर्शन था। बाबरी विध्वंस पर सभी अखबारों की कतरनें हटा दी गई हैं। हरियाणा में सिंधु घाटी स्थल पर पुरातात्विक स्रोतों से प्राप्त प्राचीन डीएनए के हालिया अध्ययन आर्यों के यहां आगमन को खारिज करते हैं, इस दावे से लेकर हड़प्पाई और वैदिक लोग एक ही थे या नहीं, इस बात पर और अधिक शोध जरूरी बताकर पाठ्यपुस्तकों में कई महत्वपूर्ण विषयों में रद्दोबदल कर दी गयी है।
यह सीखने की प्रक्रिया को विकृत करने और स्कूली शिक्षा को बर्बादी की ओर धकेलने के सिवा और कुछ नहीं
कॉमरेड प्रभास घोष का मानना है कि यह सीखने की प्रक्रिया को विकृत करने और स्कूली शिक्षा को बर्बादी की ओर धकेलने के सिवा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि हालांकि अधिकारी दावा करते हैं कि शिक्षा का भगवाकरण करने का कोई इरादा नहीं है और इस तरह का अद्यतन नियमित होता रहता है, लेकिन सच्चाई यह है कि इस पूरे संशोधन-रूपान्तरण का उद्देश्य शिक्षा के उसके सार ते वंचित कर देना, धर्मनिरपेक्ष-वैज्ञानिक-तर्कसंगत-तथ्य आधारित शिक्षा के जो भी अवशेष बचे हैं, उन्हें इरादतन खत्म कर देना है, जिसका उद्देश्य है फासीवादी संस्कृति को मजबूत करने के विचार से छात्रों को वैज्ञानिक तर्कपूर्ण मानसिकता से वंचित करना और उन्हें अंधविश्वास की रहस्यमय गली में ले जाना।

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