SGPGI में पड़ोसी राज्यों समेत नेपाल के मरीजों की भर्ती पर भी जोर, CM योगी बोले-‘डॉक्टरों को बढ़ाना होगा रफ्तार’

वर्चुअल ICU से UP के अन्य मेडिकल कॉलेजों को भी जोड़ने की तैयारी

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Indinewsline, Lucknow:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार, नेपाल तथा पड़ोसी राज्यों के मरीजों एवं उनके परिजनों का यह आग्रह होता है कि उन्हें SGPGI में भर्ती कर लिया जाए। इस दिशा में संस्थान को अपनी गति को बढ़ाना होगा। SGPGI देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के साथ ही, उत्तर भारत में स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा के मानक तय कर रहा है। CM योगी शनिवार को SGPGI के 41वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

SGPGI के लिए अगले 09 वर्ष बहुत अहम


मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थान ने 40 वर्षों की यात्रा पूरी की है। इस दृष्टि से अगले 09 वर्ष संस्थान के लिए बहुत अहम है। उस समय संस्थान का स्वर्ण जयन्ती वर्ष होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गीतम इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एण्ड रिसर्च, विशाखापट्टनम, आन्ध्र प्रदेश की प्रो वाइस चांसलर डॉ. गीतांजलि पद्मनाभन को सम्मानित किया। साथ ही
SGPGI के फैकेल्टी मेम्बर्स, रेजिडेन्ट्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ को वार्षिक अनुसंधान पुरस्कार प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने संस्थान की कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो भी नया हो रहा है, उसे अपनाने के लिए तैयार रहना होगा


CM योगी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो भी नया हो रहा है, उसे अपनाने के लिए हमें अपने आपको तैयार करना होगा और मजबूती से जुटना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में वर्चुअल ICU शुरू किए गए, जिससे हजारों लोगों की जान बचाने में मदद मिली। यह एक शुरूआत थी। आज भारत सरकार इसे और मजबूती के साथ आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है। इसके तहत पहले चरण में प्रदेश के 06 मेडिकल कॉलेजों को जोड़ा गया है। अन्य मेडिकल कॉलेज को भी इससे जोडऩे की तैयारी की जा रही है।

SGPGI अपने कार्य करने की गति को तीन गुना कर सकता है


मुख्यमंत्री ने कहा कि SGPGI अपने कार्य करने की गति को तीन गुना कर सकता है। सरकार इसके लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराएगी। आपको इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है। वर्तमान में संस्थान में एक वर्ष में सवा लाख मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है। इसे 05 लाख किया जा सकता है। यहां भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 50 हजार से बढ़ाकर डेढ़ लाख की जा सकती है। ओपेन हार्ट सर्जरी के मामलों को 15 हजार से बढ़ाकर 50 हजार तक पहुंचा सकते हैं। इसी प्रकार किडनी, बोनमैरो तथा लिवर ट्रांसप्लाण्ट, रोबोटिक सर्जरी के मामलों की गति को भी बढ़ा सकते हैं। इस दिशा में किए गए प्रयास नया मानक गढऩे वाले होंगे। मरीज आपको श्रद्धा व सम्मान के भाव से देखेंगे।

ब्रेन डेड मरीज के परिजनों को जागरूक करने पर भी जोर


मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई मरीज किसी दुर्घटना का शिकार हो गया हो तथा उसका ब्रेन डेड हो गया हो, तो उनके परिजनों को इस बात के लिए तैयार करना होगा कि मरीज के अंगों से दूसरे अन्य मरीजों की जान बचायी जा सकती है। यदि जागरूकता का यह कार्य डॉक्टर करेंगे, तो वह ज्यादा प्रभावी होगा। यह एक बड़ा कार्य हो सकता है। हमें मॉडर्न मेडिसिन के साथ टेऊडिशनल मेडिसिन को जोड़कर नयापन लाने की जरूरत है। SGPGI को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए इसके अच्छे परिणाम आ सकते हैं।

समारोह को इन्होंने भी किया सम्बोधित
समारोह को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, SGPGI के निदेशक प्रो. आर. के. धीमान तथा डॉ. गीतांजलि पद्मनाभन ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा, संस्थान के डीन प्रो. शालीन कुमार सहित फैकल्टी सदस्य आदि मौजूद रहे।

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