D-लिट की उपाधि से सम्मानित हुए सुनील देवधर, जानें क्यों मिला सम्मान

समाज सेवा के लिए मिला सम्मान

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नई दिल्ली
BJP के वरिष्ठ नेता सुनील देवधर को सामाजिक क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए अरुणाचल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडीज की ओर से डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (डी-लिट) की उपाधि प्रदान की गई है। उन्हें यह उपाधि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कमललोचन,  प्रो-चांसलर विश्वलोचन एवं भूटान के पूर्व सांसद डपठोब यांगसेप उपस्थित की उपस्थिति में अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चाऊनामैन हाथों प्रदान की गई।
<span;>प्रो-चांसलर विश्वलोचन ने सुनील देवधर को डी-लिट की उपाधि प्रदान करते हुए कहा कि विरले ही ऐसे व्यक्ति मिलते हैं, तो अपने जीवन को निस्स्वार्थता एवं करुणा की भावना से समाज की सेवा के लिए समर्पित करते हैं। उनकी समर्पण दर्शाता है कि सच्ची संतुष्टि दूसरों की सेवा करने से मिलती है, जो अनगिनत व्यक्तियों को उनके पदचिह्नों पर चलने एवं दुनिया में एक स्थायी बदलाव लाने के लिए प्रेरित करती है।
<span;>बता दें कि सुनील विश्वनाथ देवधर एक बहुमुखी भारतीय राजनीतिज्ञ एवं राष्ट्रवादी सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह अपनी जमीनी सक्रियता एवं रणनीतिक नेतृत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। देवधर ने 2005 में माय होम इंडिया नामक संस्था की स्थापना कर पूर्वोत्तर के राज्यों से शेष भारत में जानेवाले छात्रों की मदद का अभियान शुरू किया। इसका लाभ अब तक पूर्वोत्तर के असंख्य छात्र-छात्राएं उठा चुके हैं। इस अभियान का परोक्ष लाभ पूर्वोत्तर में दशकों से पनप रही अलगाववाद की भावना को खत्म करने के रूप में भी सामने आया है।
<span;>इसके अलावा उनकी ‘सपनों से अपनों तक’  पहल अपने परिवारों से बिछड़कर विभिन्न बालगृहों में रह रहे बच्चों को पुनः उनके माता-पिता से मिलवाने के रूप में कारगर साबित हुई है। इस अभियान के तहत अब तक 3500 से अधिक बच्चों को उनके परिवार से मिलवाया जा चुका है। इसी प्रकार जेल सुधार पहल ‘दर्द से हमदर्द तक’ में कैदियों को कानूनी सहायता प्रदान करते हुए अब तक 400 से ज्यादा बेसहारा कैदियों को मदद की जा चुकी है। उनकी चिकित्सा सहायता के लिए चल रही ‘जन आरोग्य रक्षा’ पहल के तहत अब तक 1,00,000 से ज्यादा रोगियों को चिकित्सा सहायता प्रदान की जा चुकी है।

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