देश में अब एमडीआर टीबी को छह महीने में ठीक करने की दवाएं मिलेंगी, जाने कब उपलब्ध होगीं ये दवाएं?

केजीएमयू उत्तर प्रदेश के चिकित्सकों को एमडीआर टीबी की नई दवाओं के लिए प्रशिक्षण देगा

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लखनऊ, इंडीन्यूज लाइन।
देश में नवम्बर से एमडीआर टीबी को छह महीने में ठीक करने की दवाएं उपलब्ध होंगी। केजीएमयू उत्तर प्रदेश के चिकित्सकों को एमडीआर टीबी की नई दवाओं के उपयोग के लिए प्रशिक्षण देगा। यह जानकारी केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की डीडीजी टीबी डॉ. उर्वशी सिंह ने दी। वह मंगलवार को केजीएमयू के कलाम सेंटर में टीबी की जंग में एन्टी माइक्रोबियल रेजिस्टेन्स के विषय पर आयोजित एक वैज्ञानिक कार्यक्रम को आनलाइन माध्यम से संबोधित कर रही थीं। संस्थान के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग द्वारा इसका आयोजन किया गया था।
केजीएमयू उत्तर प्रदेश के चिकित्सकों को एमडीआर टीबी की नई दवाओं के लिए प्रशिक्षण देगा
केजीएमयू कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि उत्तर प्रदेश के चिकित्सकों को एमडीआर टीबी की नई दवाओं के उपयोग के लिए संस्थान प्रशिक्षण देगा। इस आयोजन को यूएसएड तथा इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एंड लंग डिजीसेज (द यूनियन) के सहयोग से किया गया। इस वैज्ञानिक आयोजन को हाईब्रिड मोड पर कराया गया। इसमें लगभग 200 चिकित्सक कलाम सेन्टर से तथा 150 ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे। कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रसारण इको इन्डिया नामक संस्था द्वारा पूरे देश में किया गया।
टीबी के उन्मूलन में आ रही सबसे बड़ी चुनौती के बारे में सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ज्ञानवर्धन कराना है
कार्यक्रम के आयोजक रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष तथा नेशनल टास्क फोर्स, राष्ट्रीय उन्मूलन कार्यक्रम के सदस्य डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि इसका उद्देश्य टीबी के उन्मूलन में आ रही सबसे बड़ी चुनौती ड्रग रेजिस्टेंस टीबी (एमडीआर एवं एक्सडीआर) के बारे में कार्यरत सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इसके कारण और निवारण के बारे में ज्ञानवर्धन कराना था।
डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि पूरे प्रदेश में केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग को टीबी की चिकित्सा का हब तथा उत्तर प्रदेश के मेरठ, आगरा, अलीगढ़, सैफई (इटावा), झांसी, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अंबेडकर नगर तथा गोरखपुर को स्पोक के रूप में विकसित किया गया है। भविष्य में उत्तर प्रदेश के 44 अन्य जिलों को टीबी के उपचार हेतु उत्कृष्ट केंद्र के स्पोक्स के रूप में बनाने की योजना है, जिससे उत्तर प्रदेश को शीघ्र ही टीबी मुक्त किया जा सके।
स्टेट टीबी ऑफिसर डा शैलेन्द्र भट्नागर ने बताया कि प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लिए 911 सीबीनॉट मशीन, 14 टीबी कल्चर लैब तथा 24 नोडल ड्रग रेजिस्टेन्ट केंद्र की स्थापना की जा चुकी है।
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