अष्टलक्ष्मी महोत्सव में दिखेगी उत्तर-पूर्व की संस्कृति, जानें क्या होगा खास
भारत मंडपम में होगा आयोजित
नई दिल्ली
उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) 6 दिसंबर से भारत मंडपम में अष्टलक्ष्मी महोत्सव 2024 के पहले संस्करण का आयोजन कर रहा है। इस आयोजन में उत्तर-पूर्व भारत की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर देखने को मिलेगी। इससे परंपराओं, कला और शिल्प को बढ़ावा देना, आर्थिक अवसरों के साथ लोगों को सतत विकास का रास्ता दिया जाएगा। इस महोत्सव के हिस्से के रूप में एक विशेष फैशन शो का आयोजन 7 दिसंबर को शाम 7 बजे हॉल नंबर 14 में होगा। इस शो का उद्देश्य उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के पारंपरिक वस्त्रों और शिल्पों को समकालीन डिजाइन के साथ प्रस्तुत करना है। प्रसिद्ध फैशन स्टाइलिस्ट और शो डायरेक्टर प्रसाद बिदापा के रचनात्मक निर्देशन में, शो पारंपरिक हथकरघा और हस्तशिल्प का जश्न मनाएगा, उन्हें समकालीन डिजाइनों के साथ मिलाकर शानदार पहनावा तैयार करेगा।
इस शो में, मृगास सिल्क गाउन, एरी सिल्क शॉल और अन्य नाजुक शिल्पकला के उदाहरण देखने को मिलेंगे, जो क्षेत्र के प्रमुख डिजाइनरों द्वारा स्थानीय कारीगरों के साथ मिलकर तैयार किए गए हैं। यह फैशन शो न केवल उत्तर-पूर्वी वस्त्रों की सौंदर्यात्मक अपील को प्रदर्शित करेगा, बल्कि स्थायी फैशन प्रथाओं पर भी जोर देगा, जिससे पारिस्थितिकी के अनुकूल और नैतिक रूप से उत्पादित वस्त्रों पर चर्चा को बढ़ावा मिलेगा।
इस फैशन शो में भाग लेने वाले प्रमुख डिजाइनरों में अरुणाचल प्रदेश के जेंजम गादी, जिनकी प्रकृति-प्रेरित और जेंडर-न्यूट्रल डिजाइन के लिए प्रसिद्ध हैं; नागालैंड की बंबी केविचूसा, जो अपनी ब्राइडल वियर और सतत शिल्पकला के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जानी जाती हैं। इसके अलावा, मिजोरम की पैट्रिशिया ज़ादेंग, जो महिला कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित हैं।