जोधपुर
देश को आने वाले दिनों में युवा विकसित भारत बनाएंगे। यह कहना है भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का। शनिवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के 10वें दीक्षांत समारोह के दौरान ने छात्रों को सम्मनित करने के बाद उन्होंने कहा कि भाप्रौसं जोधपुर जैसे संस्थान ऐसे मस्तिष्कों का पोषण कर रहे हैं जो आने वाले वर्षों में भारत की प्रगति को आगे बढ़ाएंगे । ऐसे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को स्नातक होते देखना सौभाग्य की बात है जो निस्संदेह विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावशाली योगदान देंगे। इस समारोह में केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राम माधव सहित अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए। समारोह में छात्राें को कुल 1084 डिग्रियां प्रदान की गईं।
इस दीक्षांत समारोह में संस्थान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AIDE), जैवअभियांत्रिकी, रसायन अभियांत्रिकी, सिविल अभियांत्रिकी, कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी, विद्युत अभियांत्रिकी, यांत्रिक अभियांत्रिकी और धातुकर्म अभियांत्रिकी में विशेषज्ञता के साथ 425 बी.टेक. स्नातकों को डिग्री प्रदान की । इसके अतिरिक्त, 76 छात्र रसायन विज्ञान, संज्ञानात्मक विज्ञान (Cognitive Science), डिजिटल मानविकी, गणित और भौतिकी जैसे क्षेत्रों में एम.एस.सी. की डिग्री प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें से 17 स्नातक एकीकृत एम.एससी. – एम.टेक . कार्यक्रम पूरा कर रहे हैं । 370 एम.टेक. स्नातक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, संवर्धित और आभासी वास्तविकता (Augmented and Virtual Reality), साइबर-भौतिक प्रणाली, पर्यावरण अभियांत्रिकी, रोबोटिक्स और स्मार्ट IoT सहित विविध क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं । इस समारोह में 77 एम.बी.ए. और एम.बी.ए.-टेक्नोलॉजी स्नातकों, 1 एम.टेक.-पी.एच.डी. दोहरी उपाधि वाले स्नातक, 7 चिकित्सा प्रौद्योगिकी में मास्टर स्नातकों और 24 पी.एच.डी. स्नातकों को भी सम्मानित किया गया।
समारोह में शैक्षणिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले असाधारण छात्रों को सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय रूप से, यांत्रिक अभियांत्रिकी के छात्र रुशिल समीर पटेल को बी.टेक. छात्रों के बीच उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया । अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए अध्यक्ष का स्वर्ण पदक शामिल था, जो विद्युत अभियांत्रिकी के मितार्थ अरोड़ा को दिया गया। निदेशक का स्वर्ण पदक शिवाली केतन शाह को दिया गया, जो महिला बी.टेक. छात्रों के बीच उत्कृष्टता को मान्यता देता है। पदक प्राप्त करने वालों में सामग्री अभियांत्रिकी से दीपिका सक्सेना शामिल थीं, जिन्हें एम.टेक. छात्रों के बीच उनकी अकादमिक उत्कृष्टता के लिए जगदीश चंद्र बोस स्वर्ण पदक मिला, और अनूप कुमार मौर्य , जिन्हें यांत्रिक अभियांत्रिकी में उनके अनुकरणीय पीएच.डी. शोध कार्य के लिए सी.वी. रमन स्वर्ण पदक मिला।
आगे बढ़ता रहेगा संस्थान : प्रो. अग्रवाल
संस्थान के निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने कहा कि हमारा संस्थान न केवल विकसित हुआ है, बल्कि स्वयं को ज्ञान और शोध के एक केंद्र के रूप में ढ़ाला है। इस वर्ष का स्नातक वर्ग प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो समाज में सार्थक योगदान देगा। निदेशक ने सभी स्नातकों को नवाचार और सामाजिक योगदान के मूल्यों को बनाए रखने की उनकी जिम्मेदारी पर जोर दिया।
वहीं डॉ. राम माधव ने भविष्य को आकार देने में प्रौद्योगिकी और नवाचार की भूमिका पर अपने विचार साझा किए । उन्होंने स्नातकों को पारंपरिक सीमाओं से परे रास्ते तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया, और अपनी आईआईटी शिक्षा के वैश्विक महत्व को दोहराया । श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भविष्य के नेताओं के रूप में स्नातकों की जिम्मेदारियों पर जोर दिया, और उनसे समाज और राष्ट्र के विकास में सकारात्मक योगदान देने का आग्रह किया।