Delhi News: दिल्ली में आगजनी के घटना होगी कम, बाजारों में रखे जाएंगे परमानेंट फायर टेंडर

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नई दिल्ली

दिल्ली में बढ़ती गर्मी के कारण आग लगने की घटना से व्यापारियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें घूम रही है। राज्य में आए दिन बिजली के ओवर लोड से तारों में स्पार्किंग की खबरें भी सामने आ रही है।  ऐसे में दिल्ली में व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के प्रतिनिधिमंडल ने कनॉट प्लेस स्थित दिल्ली फायर सर्विस के चीफ वीरेंद्र सिंह और डिप्टी चीफ एसके दुआ से मुलाकात की ।

CTI चेयरमैन बृजेश गोयल और उपाध्यक्ष राहुल अदलखा ने बताया कि मीटिंग में व्यापारियों ने फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों के समक्ष समस्याएं और सुझाव भी रखे हैं। पुरानी दिल्ली के बाजारों में फायर डिपार्टमेंट की गाड़ी पहुंचने में समय लगता है। इससे जान और माल का जोखिम बढ़ जाता है।

 बाजारों में फायर टेंडर दमकल की हो तैनाती

इस पर अधिकारियों ने कहा कि कई बाजारों में जगह की कमी है। यदि पर्याप्त जगह मिलेगी, तो वहां दमकल तैनात हो सकती है। इसके लिए मार्केट एसोसिएशन को जगह देनी होगी ,बृजेश गोयल ने कहा कि जल्दी ही व्यापारी संगठनों से चर्चा करके फायर विभाग को लिस्ट मुहैया कराई जाएगी ,

मीटिंग में फायर एनओसी की जटिलताओं पर हुई चर्चा

बृजेश ने बताया कि इसके कठिन नियम मुश्किल में डालते है। खास तौर से इंडस्ट्रियल एरिया के फैक्ट्री मालिक परेशान रहते हैं।इस पर अधिकारी ने बताया कि विभाग की ओर से फैक्ट्री मालिकों को ट्रेनिंग दिलाई जा सकती है। इसमें नियम और जरूरी संसाधनों की जानकारी मुहैया करा दी जाएगी, ताकि आसानी से फायर एनओसी मिल जाए।
यदि व्यवहारिकता में परेशानी है, तो वो दूर हो सकती है। मीटिंग में राहुल अदलखा, संदीप गुलाटी, नइम राजा, विनोद शर्मा और रिया जोन मौजूद रहे।

चांदनी चौक की तर्ज पर दूसरे बाजारों में भी बनें अंडरग्राउंड वाटर टैंक

फायर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चांदनी चौक की मैन सड़क पर अंडरग्राउंड वाटर टैंक और हाइड्रेंट इंस्टॉल हो गए हैं। ये चालू हालत में है। यदि चांदनी चौक के आसपास के बाजारों में आग की घटना होती है, तो हाइट्रेंड की मदद से जल्दी आग पर काबू पाया जा सकता है। इस पर बृजेश ने कहा कि इसी तरह की व्यवस्था दूसरे बाजारों में भी होनी चाहिए। हाइड्रेंट के लिए वाटर टैंक बनाने की जरूरत होती है। इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड और पीडब्ल्यूडी से भी गुहार लगाएंगे। विभाग से आग्रह करेंगे कि बाजारों में प्रशिक्षण शिविर लगाएं। बहुत से लोगों को छोटी-छोटी बातें नहीं मालूम होती कि ज्वलनशील पदार्थ घर, दफ्तर, दुकान, गोदाम, फैक्ट्री में कहां रखे? कई बार दरवाजे पर ज्वलनशील पदार्थ होते हैं, तो आग के वक्त बाहर निकलना मुश्किल होता है।

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