“मैंने इसी वजह से बेटी की हत्या कर उसके शव को दफनाया, मां ने भी दिया साथ”, क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर?

पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए आरोपी पिता व उसकी बुजुर्ग मां को किया गिरफ्तार

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लखनऊ, रिपोर्टर।
लखनऊ में मोहनलालगंज के सोहांवा गांव में नाबालिग पोती की हत्या के बाद उसके शव को दफनाने में दादी ने भी सहयोग किया था। दादी के मोबाइल से बेटी द्वारा आये दिन किसी युवक से बात करने की जानकारी होने के बाद से पिता सजीवनलाल नाराज चल रहा था। एक माह पहले उसने बेटी रंजना के सिर पर डंडे से वार करने के बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी थी। शव को अपनी बुजुर्ग मां की मदद से घर के पिछले हिस्से में बने जानवरों के तबेले में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था। मां की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर छानबीन में जुटी पुलिस ने हत्यारोपी पिता व शव को छिपाने में मदद की आरोपी दादी को गिरफ्तार कर इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। साथ ही लाठी व गला घोंटने में प्रयुक्त इस्तेमाल किए गए दुपट्टा, एक चाकू बरामद कर दोनो आरोपियों को कोर्ट पेश किया, जहां से उन्हे जेल भेज दिया है।
मायके से लौटी मां को बेटी गायब मिली थी…
डीसीपी दक्षिणी तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि मोहनलालगंज कोतवाली क्षेत्र के सोहावा गांव मे निवासी पेशे से राजगीर सजीवनलाल से अनबन के बाद 10 मार्च को उसकी पत्नी सुनीता मायके चली गई। 19 मई को ससुराल वापस लौटी सुनीता को बेटी रंजना गायब मिली थी। काफी पूछताछ करने पर भी पिता सजीवनलाल बहानेबाजी करने लगा। जिसके बाद मां ने पुलिस से शिकायत की। यही नही सुनीता ने पति सजीवनलाल की भूमिका संदिग्ध बताई थी। इस घटना के खुलासे के लिए प्रभारी निरीक्षक आलोक राव के नेतृत्व में पुलिस टीम को लगाया गया था। जिसके बाद आरोपी पिता को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने 5 मई को बेटी रंजना के खुदकुशी करने की कहानी गढ़कर पुलिस को सुना दी।
एक माह बाद पुलिस ने रंजना का शव कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था…
हालांकि उसने 6 मई को बेटी का शव घर के पिछले हिस्से में छप्पर के नीचे दफनाने की बात बताई थी। मजिस्ट्रेट की अनुमति लेकर एक माह बाद बुधवार को पुलिस ने रंजना का शव कब्र खोदकर बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गुरुवार की देर शाम आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने आरोपित पिता सजीवनलाल का सारा झूठ बेपर्दा कर दिया। पीएम रिपोर्ट में डाक्टरों ने गला घोंटकर हत्या व सिर चोट लगने की पुष्टि की। जिसके बाद हिरासत में लिये गये पिता संजीवन लाल से कड़ाई से पूछताछ की गयी तो वह टूट गया। उसने बताया कि रंजना अपनी दादी के मोबाइल फोन से चोरी छुपे किसी युवक से आये दिन बात करती रहती थी। जब उसे पता चला तो मना किया लेकिन वह नही मानी और 5 मई की शाम घर लौटने पर बेटी को मोबाइल पर बात करते देखा तो आगबबूला हो गया था। गुस्से में आकर डंडे से बेटी के सिर पर वार कर दिया। जिसके बाद जमीन पर गिरने पर दुपट्टे से उसकी गला घोंटकर हत्या करने के बाद उसके शव को घर में छुपा दिया। साथ ही मासूम बेटों को किसी से कुछ भी बताने पर चाकू दिखाकर जान से मारने की धमकी दी थी। दोनों बेटे चुप्पी साध गये और देर रात बुजुर्ग मां रामकुमारी की मदद से बेटी के शव को घर के पिछले हिस्से में बने तबेले में बनी झोपड़ी के नीचे गड्ढा खोदकर दफन कर दिया। ऊपर से पुआल से ढक दिया था। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर घटना में इस्तेमाल लाठी व दुपट्टा व एक चाकू बरामद किया है।
एडीसीपी शंशाक सिंह ने बताया कि अपहरण के दर्ज मुकदमें को हत्या व साक्ष्य मिटाने की धाराओं में तरमीम कर आरोपी पिता व दादी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है।

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