कासगंज के तिरंगा यात्रा में मारे गए चन्दन के परिजनों को छह साल बाद भी नहीं मिला न्याय, लखनऊ में धरने पर बैठे पिता ने सुनाई आपबीती

कासगंज में वर्ष 2018 में तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा में चंदन गुप्ता की हुई थी मौत

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Indinewsline, Lucknow:

उत्तर प्रदेश के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता के परिजनों को छह वर्षों बाद भी न्याय नहीं मिल पाया है। इसके लिए परिजन भटकने को मजबूर हैं। तमाम दावों और आश्वासनों के बावजूद पीड़ित परिवार न्याय की आस लगाया हुआ है। कासगंज में वर्ष 2018 में तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा में चंदन गुप्ता की मौत हो गई थी।

पिता ने घटना के बाद किए गए वादे न पूरे होने को लेकर जताई नाराजगी

चंदन गुप्ता के बुजुर्ग पिता विवेक गुप्ता ने लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर बुधवार को न्याय की आस में धरना दिया। यहां उन्होंने घटना के बाद किए गए वादे न पूरे होने को लेकर नाराजगी जताई। साथ ही न्याय की मांग लेकर जल्द ही सुनवाई किए जाने की बात कही है।

कासगंज में नहीं बना चन्दन के नाम पर चौक, प्रतिमा का नहीं हो पाया अनावरण

पिता विवेक गुप्ता ने बताया कि घटना के बाद वादा किया गया था की जिले में चंदन गुप्ता के नाम पर चौक बनाया जाएगा। यहां पर उसकी प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रतिमा तो स्थापित कर दी गई लेकिन उसका अनावरण नहीं हो सका। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी नहीं दी गई।

इसके अलावा परिवार की अन्य मांगों को भी नहीं पूरा किया गया। हालांकि, उन्होंने सरकार द्वारा सहयोग किए जाने की बात कही है। सवाल यह भी है कि यदि सरकार सहयोग कर रही है तो परिजनों की मांग पूरी क्यों नहीं हो सकी। धरने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने तत्काल धरना खत्म करा दिया।

कोर्ट के चक्कर लगा रहे परिजन, फिर भी न्याय की आस

इस हिंसा के मामले में सबसे पहले कासगंज जिला न्यायालय में ट्रायल चला। इसके बाद मामला लखनऊ के NIA कोर्ट में चला गया। यहां भी लंबी सुनवाई चली। इसके बाद विगत 25 अक्टूबर को मामले में फैसला आना था। इस बीच मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। अब हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है।

इसके पहले सुनवाई के लिए 21, 23, 24 की तिथियां निर्धारित की गई थी। हालांकि इन पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाई। वहीं, 25 तारीख को NIA कोर्ट में इस मामले का फैसला भी नहीं हो सका। 5 नवंबर को सुनवाई के लिए तारीख दी गई थी लेकिन इसमें भी सुनवाई नहीं हो सकी। इसके बाद छह नवंबर को सुनवाई की डेट रखी गई।

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