लखनऊ के अनाथ आश्रम की दो किशोरियों की मौत व 24 बीमार, 10 दिनों तक बीमारी छिपाने की कोशिश, गंभीर हुए तो पहुंचाए गए अस्पताल

फूड प्वाइजनिंग की आशंका, जांच के आदेश

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इंडिन्यूज लाइन, लखनऊ रिपोर्टर:
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अनाथ। आश्रम में बड़ी लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। पारा स्थित बुद्धेश्वर निर्वाण रिहैबिलिटेशन सेंटर के 24 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। मंगलवार को उल्टी-दस्त व पेट में दर्द समेत दूसरी दिक्कतों के बाद सबको लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया। 24 घंटे में इलाज के दौरान दो किशोरियों की मौत हो गई। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। डेथ ऑडिट कराया जा रहा है। विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। दो बालिकाओं की हालत गंभीर बनी हुई है। जिन्हें रेफर किया गया है। फूड प्वाइजनिंग की आशंका जताई जा रही है।

दस दिन से बीमार थे बच्चे, न डॉक्टर को दिखाया और न ही अस्पताल पहुंचाया


जानकारी के मुताबिक निर्वाण आश्रय केंद्र में दस दिन से बच्चे बीमार थे। पेट दर्द, उल्टी जैसी शिकायतें थीं। आरोप है कि न डॉक्टर को दिखाया गया और न ही अस्पताल पहुंचाया गया। बच्चों की बीमारी छिपाने की कोशिश की गई। जब स्थिति गंभीर हो गई तो लोकबंधु अस्पताल पहुंचे।

निर्वाण संस्था में अनाथ आश्रम में मानसिक रूप से 147 कमजोर बच्चों को दिया गया है आश्रय
निर्वाण संस्था में अनाथ मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को आश्रय दिया जाता है। यहां 147 बच्चे हैं। 21 मार्च को चार बच्चों की तबीयत बिगड़ी। उन्हें उल्टी-दस्त व पेट दर्द की शिकायत हुई। उनको लोकबंधु अस्पताल लाया गया। कुछ ही देर में चार और बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें 22 मार्च को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद बच्चों के बीमार होने का सिलसिला शुरू हो गया। एक-एक कर सभी को अस्पताल में भर्ती किया गया। बुधवार तक 24 बच्चों को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से 16 साल की रेनू और दीपा की मृत्यु हो गई। तबीयत में सुधार के बाद पांच बच्चों को डिस्चार्ज कर दिया गया है।

23 मार्च से अब तक 24 बच्चे हुए भर्ती, दो बच्चियों की मौत, दो KGMU रेफर
लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि 23 मार्च से अब तक 24 बच्चों को भर्ती किया गया है। जिसमें दो बच्चियां रेनू (15) दीपा (16) की इलाज के दौरान मौत हुई हैं। दो को KGMU रेफर किया गया है। इसके अलावा 15 बच्चियों का इलाज चल रहा है। जिनकी हालत स्थिर है। उन्होंने बताया कि पांच बच्चों को डिस्चार्ज किया गया है।

बच्चों की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम 24 घंटे के लिए तैनात
CMO डॉ. NB सिंह ने बताया कि सेंटर पर बच्चों की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम 24 घंटे के लिए तैनात कर दी गई है। साथ ही एक एंबुलेंस भी लगाई गयी है। बच्चों की डेथ ऑडिट कराया जा रहा है। सेंटर पर बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओ की जाँच की जा रही है और पानी का सैंपल भी जाँच के लिए भेजा गया है। ऐसी घटना दोबारा न हो जाँच जारी है, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

बच्चे अचानक बीमार नहीं पड़े, उन्हें कई दिनों से थी समस्या

उधर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना कि बच्चे अचानक बीमार नहीं पड़े। उन्हें कई दिनों से समस्या थी। पेट के संक्रमण के कारण उल्टी, पेट दर्द और डायरिया की शिकायत थी। इसके बावजूद मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। जब 10 से अधिक बच्चों की हालत गंभीर हुई तो गुपचुप तरीके से सिर्फ चार बच्चों को लोकबंधु अस्पताल भेजा, ताकि अपनी कमियों पर पर्दा डाल सकें। बाकी छह बच्चों की जब हालत गंभीर हुई तब उनमें भी चार को ही अस्पताल भेजा गया।

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