नई दिल्ली
पक्की नौकरी की मांग को लेकर 30 नवंबर को कर्मचारी कोर्ट जाएंगे। इसको लेकर दिल्ली प्रदेश एमसीडी उद्यान विभाग कर्मचारी संघ 4945 ने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष राहुल बिरला के नेतृत्व में उद्यान विभाग में करुणा मूलक आधार पर सालों से कार्यरत सभी 970 कर्मचारियों को स्थाई नियुक्ति करने और प्राइवेट कंपनियों द्वारा अनुबंध पर कार्यरत 2500 मालियों को सीधे निगम अनुबंध पर रखना की मांगों को लेकर एक विशाल प्रदर्शन किया जाएगा । इसमें विभाग के मुखिया डॉ०आलोक सिंह और निगम मेयर द्वारा यूनियन को आश्वासन दिया था । कि स्थाई नियुक्ति के लिए बोर्ड की बैठक की गई थी । यह ही नही बल्कि स्थाई नियुक्ति की फाइल भी प्रक्रिया कार्यरत है लेकिन वर्तमान तक उपरोक्त दोनों मामलों में किसी भी प्रकार का कोई फैसला नहीं लिया गया है। कंपनियों द्वारा अनुबंध पर कार्य करें कर्मचारियों को स्टैंडिंग कमेटी मौजूद न होने के कारण सीधे निगम अनुबंध में नहीं लिया जा सकता ऐसा कारण दिया है।
इसलिए, यूनियन के प्रदेश महामंत्री अरुण शर्मा ने कच्चे कर्मचारियों की मांगों को और उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए फैसला लिया है कि दिल्ली प्रदेश में कार्यरत लगभग 400 से 500 कर्मचारी अपनी स्थाई नियुक्ति के लिए न्यायालय की शरण लेंगे अरुण शर्मा ने बताया कि पिछले 20-20 सालों से कर्मचारी अनुबंध पर कार्य कर रहे हैं। उनके जीवन का एक बड़ा हिस्सा वह निगम सेवा में दे चुके हैं उन्होंने कहा है कि कार्मिक कानून भी यही कहता है कि यदि कोई व्यक्ति 10 वर्ष एक खाली पोस्ट पर कार्य करता है तो वह पोस्ट उसकी हो जाती है परंतु निगम का प्रशासन सभी कानून को दर किनार करते हुए कर्मचारियों से गुलामी करवा रहा है।
यूनियन के महामंत्री अशोक खारी ने बताया कि निगम में कार्यरत प्राइवेट कंपनियां विभाग में अनुबंध पर कर्मचारी देने की बदले कर्मचारियों से भर्ती के पैसे मांगती हैं और इसके साथ-साथ कर्मचारियों के मिलने वाले लाभ का शोषण भी करती हैं और निगम के साथ घोटाला भी करती है इसीलिए प्राइवेट कंपनियों को हटाया जाए और कंपनी द्वारा सालों से निगम में मालीपुर पद कार्यरत कर्मचारियों को सीधे निगम अनुबंध पर रखा जाए। इस मौके पर यूनियन के वकील एडवोकेट डी.एस चौधरी ने बताया कि करुणामूलक आधार पर कार्यरत कर्मचारियों का शोषण हो रहा है पिछले कई सालों से इन्हें अनुबंध पर रखा हुआ है जबकि विभाग में पहले से ही लगभग 4700 पोस्ट खाली है यदि विभाग चाहे तो सभी को रख सकता है परंतु विभाग कर्मचारी का शोषण करना चाहता है सालो से कर रहा है और इसी मामले को लेकर समस्त यूनियन न्यायालय की शरण में जा रही है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश महामंत्री अरुण शर्मा ने अवगत कराया कि उद्यान विभाग में करुणा मलक आधार पर करें कर्मचारियों को बोनस भी नहीं दिया गया है। उद्यान विभाग के कर्मचारियों के साथ निजी दुश्मनी निकालते हुए अधिकारियों ने बोनस न देने के गैर कानूनी आदेश दिए हुए हैं। जो की बोनस एक्ट 1965 का उल्लंघन है और जिनके खिलाफ भी यूनियन कानूनी कार्रवाई कर रही है। बहुत जल्द यूनियन कर्मचारियों को लेकर एक बड़ा आंदोलन भी कर सकती है।