UP में सरकारी स्कूलों को बंद करने के निर्णय के खिलाफ उतरी AAP, वंशराज दुबे बोले-‘योगी सरकार को वापस लेना होगा फैसला’

9 नवम्बर को हर जिले में विरोध- प्रदर्शन कर योगी सरकार के इस दमनकारी निर्णय के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाएगी AAP

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Indinewsline, Lucknow:

उत्तर प्रदेश की आम आदमी पार्टी ने योगी सरकार के करीब 27 हजार सरकारी स्कूलों को बंद करने के निर्णय पर विरोध जताते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। AAP UP के मुख्य प्रवक्ता वंशराज दुबे ने कहा कि इसके विरोध में पार्टी 9 नवम्बर को हर जिले में विरोध- प्रदर्शन करेगी और योगी सरकार के इस दमनकारी निर्णय के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाएगी।

वंशराज दुबे ने लखनऊ के पत्रकारपुरम स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हाल ही में मीडिया में आई खबरों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में लगभग 27 हजार सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई गई है। यह योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा 2020 तक बंद किए गए 26 हजार स्कूलों के बाद अब एक नया कदम है।

यह सीधे तौर पर गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा

उन्होंने कहा कि यह फ़रमान, जो 27 हजार सरकारी स्कूलों को बंद करने का है, न केवल सरकार की नीतियों को संदिग्ध बनाता है बल्कि यह सीधे तौर पर गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने यह जानकारी अखबारों के माध्यम से दी कि इन स्कूलों को “निकटवर्ती स्कूलों में विलय” कर दिया जाएगा, जिसे योगी सरकार ने “भ्रामक और निराधार” करार दिया है। लेकिन सच्चाई यह है कि यह कदम सरकारी स्कूलों को समाप्त करने की एक सोची-समझी साजिश है।

केवल एक कागजी दलील नहीं, बल्कि एक ठोस कार्य योजना

मुख्य प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में इसका उदाहरण साफ देखा जा सकता है, जहां जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने छह स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। इससे स्पष्ट होता है कि यह केवल एक कागजी दलील नहीं, बल्कि एक ठोस कार्य योजना है, जिसके तहत सरकारी स्कूलों को पूरी तरह समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

संविधान के आर्टिकल 21A के तहत हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार

उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि संविधान के आर्टिकल 21A के तहत हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है। ‘राइट टू एजुकेशन’ कानून कहता है कि हर बच्चे को शिक्षा की सुविधा एक किलोमीटर के दायरे में प्राथमिक स्कूल और तीन किलोमीटर के भीतर अपर प्राइमरी स्कूल के रूप में मिलनी चाहिए। लेकिन इस निर्णय से यही स्पष्ट होता है कि योगी सरकार न केवल इस कानून का उल्लंघन कर रही है, बल्कि बच्चों के शिक्षा के अधिकार को छीनने का प्रयास कर रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग 52 हजार स्कूलों को बंद करने का निर्णय क्यों लिया?

श्री दुबे ने कहा कि अब सवाल यह उठता है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग 52 हजार स्कूलों को बंद करने का निर्णय क्यों लिया? इसका सीधा सा उत्तर है कि यह कदम राज्य की शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने, गरीब वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने और शिक्षा के अधिकार को समाप्त करने की एक साजिश है।

मध्य प्रदेश में 23 हजार असम में 8 हजार और उत्तराखंड में 1,100 सरकारी स्कूल बंद किए गए

हम यह भी देख रहे हैं कि न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि मध्य प्रदेश, असम, उत्तराखंड और अन्य भाजपा शासित राज्यों में भी इसी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में 23 हजार असम में 8 हजार और उत्तराखंड में 1,100 सरकारी स्कूल बंद किए गए हैं। यह न केवल राज्य सरकारों की विफलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भाजपा द्वारा शासित राज्य शिक्षा के नाम पर एक बड़ा हमला कर रहे हैं।

9 को आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश के हर जिले में विरोध प्रदर्शन करेगी

वंशराज दुबे ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस कदम का पुरजोर विरोध करती है। हम यह मानते हैं कि सरकार का कर्तव्य है कि वह बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करे, न कि उन्हें इस अधिकार से वंचित करे। आने वाली 9 तारीख को आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश के हर जिले में विरोध प्रदर्शन करेगी और योगी सरकार के इस दमनकारी निर्णय के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाएगी।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की यह लड़ाई केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि यह गरीब, दलित और पिछड़े बच्चों के भविष्य की लड़ाई है। हम चाहते हैं कि सभी बच्चों को समान शिक्षा मिले, और हम इस तरह के भ्रामक फैसलों को हरगिज़ स्वीकार नहीं करेंगे।

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