UP में ICDS विभाग की तानाशाही के खिलाफ उतरा सुपरवाइजर्स एसोसिएशन:मुख्य सेविकाओं ने काली पट्टी बांधकर शुरू किया आन्दोलन
बीते 15 वर्षों से मुख्य सेविकाओं की नहीं हुई पदोन्नति,2016 के बाद से ACP का नहीं मिला लाभ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बाल विकास पुष्टाहार विभाग में बीते 15 वर्षों से मुख्य सेविकाओं की पदोन्नति नहीं की गई। वर्ष 2016 के बाद से एसीपी का लाभ नहीं दिया गया। इससे नाराज होकर विभाग की सुपरवाइजर्स एसोसिएशन ने आन्दोलन शुरू कर दिया है। मंगलवार को विभाग के प्रदेश भर में तैनात कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन किया।
प्रदेश सरकार द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के प्रावधानों के विरुद्ध बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में मान्यता प्राप्त सुपरवाइजर एसोसिएशन के पदाधिकारियों का ट्रांसफर, एसीपी न दिए जाने और पदोन्नति न किए जाने के खिलाफ पूरे प्रदेश में सुपरवाइजरों ने काला दिवस मनाया और काली पट्टी बांधकर मांगों के लिए सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है।
सुपरवाइजर्स एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रेनू शुक्ला और महामंत्री शशिकांता ने कहा कि आईसीडीएस प्रशासन तानाशाही पर उतर आया है और कर्मचारियों की लोकतांत्रिक आवाज को दबाने के लिए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा तय की गई नीति के विरुद्ध पदाधिकारियों के ट्रासफर किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी स्थानांतरण नीति-2023 में साफ कहा गया है कि किसी भी मान्यता प्राप्त संघ के अध्यक्ष एवं महामंत्री का स्थानांतरण पदभार ग्रहण करने के दो वर्ष की अवधि तक नहीं किया जाएगा और स्थानांतरण नीति में समूह ‘ग’ और ‘घ’ के बारे में जिले में कार्य करने की कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। बावजूद इसके सुपरवाइजर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष, महामंत्री समेत जिला अध्यक्षों व मंत्री का स्थानांतरण कर दिया गया जबकि पदाधिकारियों का चुनाव एक वर्ष पूर्व ही हुआ है। इस संबंध में विभाग को सूचना भी दी गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लगातार पदोन्नति करने के आदेश जारी किए जा रहे हैं किंतु बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में 15 वर्षों से मुख्य सेविकाओं की पदोन्नति नहीं की गई। वर्ष 2016 के बाद से एसीपी का लाभ नहीं दिया गया। इन न्याय उचित मांगों पर लंबे समय से सुपरवाइजर एसोसिएशन संघर्ष कर रहा है और इनके हल के लिए शासन स्तर पर वार्ता भी कर रहा है। लेकिन इसे हल करने की मंशा विभाग की नहीं है। इसलिए उत्पीड़न करने के लिए दुर्भावना प्रेरित पदाधिकारियों के ट्रांसफर किए गए हैं। जिसके विरुद्ध पूरे प्रदेश में सुपरवाइजर्स ने प्रतिवाद दर्ज किया है।
लखनऊ समेत शामली, मुरादाबाद, कानपुर नगर देहात, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली अमेठी मेरठ, हरदोई, जौनपुर बहराइच, सीतापुर बाराबंकी फैजाबाद बलरामपुर, सीतापुर शाहजहाँपुर, बिजनौर, हापुड़, झांसी, फिरोजाबाद में कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया।