UP NHM कर्मियों को आठ साल बाद भी नहीं मिला अतिरिक्त बजट का लाभ, अधिकारों की लड़ाई का ऐलान
संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ अपने अधिकारों को लेकर सीएम को डाक से भेजेगा 10 हजार पत्र
लखनऊ
अतिरिक्त बजट से आठ साल बाद भी वेतन विसंगति दूर नहीं किए जाने से NHM के तहत तैनात संविदा कर्मचारियों में खासी नाराजगी है। प्रदेश का संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ अपने अधिकारों को लेकर मुख्यमंत्री को डाक के माध्यम से लगभग 10 हजार पत्र भेजेगा। दस दिनों के इस अभियान में पत्र को (ट्विटर) पर #NHM_KA_AWAJ हैज टैग भी किया जाएगा। यह जानकारी संघ के यूपी महामंत्री योगेश उपाध्याय ने दी।
योगेश उपाध्याय ने बताया कि 4 फरवरी को ऑनलाइन हुए प्रदेश स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया है। अपने अधिकारों को लेकर 12 से लेकर 22 फरवरी तक हमें पूरे प्रदेश से लगभग 10 हजार पत्र डाक के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी को भेजना है। उसे (ट्विटर यानि X) पर हैज टैग भी करना है। उन्होंने बताया कि इस सफलता से हमारा उत्साह बढ़ेगा। फिर 25 फरवरी को प्रदेश की बैठक में निर्णय लेते हुये आगे की लड़ाई तब तक जारी रखेंगे, तब तक हमारे अधिकार हमें न मिल जाये।
योगेश ने साथी कर्मचारियों से कहा है कि इस अभियान में किसी प्रकार की शिथिलता नही होनी चाहिये। जिनको भी जिम्मेदारी मिले वे इसका बखूबी से निर्वहन करते हुये कार्यक्रम को सफल बनाएंंगे।
प्रदेश महामंत्री ने बताया कि राज्यों को वेतन विसंगति दूर करने के लिए 2016 से हर साल भारत सरकार द्वारा 3 प्रतिशत अतिरिक्त बजट दिया जा रहा है। जिससे हरियाणा, मध्य प्रदेश व बिहार सरकार ने वेतन नीति का निर्धारण कर संविदा कर्मियों की वेतन विसंगति दूर की। मगर उत्तर प्रदेश में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और प्रदेश सरकार के ध्यान न देने कारण आठ वर्ष पूरे होने के बावजूद उस बजट का उपयोग कर संविदा कार्मिकों को कोई लाभ नहीं दिया गया है।
बैठक में राष्ट्रीय उपमहामंत्री संजय यादव, जनपद, मण्डल पदाधिकारी के साथ प्रदेश अध्यक्ष, डॉ. अनिल गुप्ता, संयोजिका समेत सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।