इंडिन्यूजलाइन, लखनऊ
यूपी रोडवेज में आउटसोर्स के तहत तैनात परिचालकों (कंडक्टर) का अब एक-दूसरे की आपसी सहमति पर अपने गृह जनपद या आसपास के क्षेत्रों में तबादलें हो सकेंगे। अभी तक जहां पर उनकी तैनाती होती थी वहीं पर उन्हें अपनी सेवायें देनी होती थी। निजी संस्था के माध्यम से आउटसोर्स परिचालकों को निर्धारित मापदंड व शर्तों के अधीन डिपो स्तर पर नियुक्त किया जाता है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने मंगलवार को दी।
सेवा अवधि न्यूनतम 06 माह एवं 30 हजार किमी. पूरे करने वालों को मिलेगी यह सुविधा
मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि सेवा अवधि न्यूनतम 06 माह एवं 30 हजार किमी. पूरे करने वाले परिचालकों के ही परस्पर स्थानान्तरण किये जायेगे। इससे परिचालकों को अपने गृह जनपद या आसपास के क्षेत्र में सेवा करने की सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि गृह जनपद से दूर होने के कारण अधिकांशत: परिचालक अवकाश पर चले जाते थे अथवा अनुपस्थित हो जाते थे। इससे निगम को बस संचालन में असुविधा होती थी साथ ही आर्थिक हानि भी उठानी पड़ती थी।
व्यवस्था लागू होने से परिवहन निगम को नियमित परिचालक उपलब्ध होंगे
परिवहन मंत्री ने बताया कि पारस्परिक स्थानान्तरण की व्यवस्था लागू होने से परिवहन निगम को नियमित परिचालक उपलब्ध होंगे। कार्यदिवस में वृद्धि होगी। बस संचालन में वृद्धि होने की वजह से परिवहन निगम की आय बढ़ेगी। यात्रियों को नियमित बसें उपलब्ध होगी, जिससे उनको अपने गन्तव्य तक जाने में सुविधा होगी। उन्होंने परिवहन निगम के इस फैसलो को आउटसोर्स परिचालकों के हित में बताया।
Comments are closed.