वंदना दास अधिनियम देगा स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा, जानें क्या पूरा मामला

कांग्रेस सांसद ​शशि थरूर ने लोकसभा में पेश किया हेल्थकेयर कार्मिक और हेल्थकेयर संस्थान (हिंसा और संपत्ति को नुकसान का निषेध) विधेयक, 2023

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नई दिल्ली
मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा देने के लिए वंदना दास अधिनियम बन सकता है। दरअसल कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लोकसभा में पेश हेल्थकेयर कार्मिक और हेल्थकेयर संस्थान (हिंसा और संपत्ति को नुकसान का निषेध) विधेयक, 2023 को पेश किया। साथ ही इच्छा जाहिर की कि यदि यह विधेयक पास होकर अ​धिनियम बन जाता है तो इस का नाम डॉ. वंदना दास के नाम पर वंदना दास अधिनियम होना चाहिए।
10 मई को मरीज की सेवा करते हुए युवा डॉक्टर डॉ. वंदना दास ने एक मरीज के हाथों दुखद रूप से अपनी जान गंवा दी। उस समय डॉ. दास आपातकालीन कक्ष में मरीज का इलाज कर रही थी।
वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। इस घटना के बाद सांसद श​शि थरूर ने उसके माता-पिता से प्रतिज्ञा की थी कि उसकी मृत्यु व्यर्थ नहीं जाएगी।
आज डॉक्टर दास अकेली नहीं है, ब​ल्कि एक अनुमान है कि 75% डॉक्टरों को अपनी सेवा के दौरान शारीरिक और मौखिक दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। बीते दिनों दिल्ली में भी कई डॉक्टराें के साथ झड़प या मारपीट का मामला सामने आया।
ऐसे मे इस विधेयक को पेश करते हुए सांसद श​शि थरूर ने कहा कि किसी भी डॉक्टर को अपना कर्तव्य निभाते समय अपनी सुरक्षा को लेकर डरने की जरूरत नहीं है।

 

 

जैसा कि वादा किया गया था, मैंने चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिए संसद में एक निजी विधेयक पेश किया है। यह पैरामेडिकल छात्रों और श्रमिकों, प्रशासनिक कर्मचारियों और आशा कार्यकर्ताओं सहित स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा की घटना को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बनाता है। इसके लिए त्वरित जांच और एक निश्चित समय सीमा के भीतर सजा सुनाने और हर जिले में नामित विशेष अदालतों की स्थापना की आवश्यकता है।
यह मेरी इच्छा है कि यदि पारित हो जाता है, तो मेरे विधेयक को बहादुर युवा चिकित्सा शहीद के सम्मान में वंदना दास अधिनियम के रूप में जाना जाना चाहिए।
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