वीरगाथा 4.0 प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश ने देशभर में सर्वोच्च स्थान हासिल कर अपनी उत्कृष्टता साबित की है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि इस वर्ष उत्तर प्रदेश ने 45,24,559 नामांकन कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। पिछले वर्ष वीरगाथा 3.0 प्रोजेक्ट में प्रदेश का नामांकन 39 लाख था, जो इस बार 6,24,559 की वृद्धि के साथ बढ़कर 45,24,559 तक पहुंचा। यह अभूतपूर्व वृद्धि प्रदेश की स्कूली शिक्षा और छात्रों की सक्रिय भागीदारी का प्रमाण है।
वीरगाथा प्रोजेक्ट रक्षा और शिक्षा मंत्रालय का एक संयुक्त कार्यक्रम
वीरगाथा प्रोजेक्ट रक्षा और शिक्षा मंत्रालय का एक संयुक्त कार्यक्रम है, जिसे वर्ष 2021 में Gallantry Awards Portal (GAP) के अंतर्गत शुरू किया गया था। इस परियोजना का उद्देश्य स्कूली छात्रों के बीच वीरता पुरस्कार विजेताओं और सशस्त्र बलों के कर्मियों के बहादुरी के कार्यों और उनकी प्रेरणादायक कहानियों को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों से रचनात्मक गतिविधियों जैसे कविताएं, निबंध, कहानियां, पेंटिंग्स और वीडियो आदि में भागीदारी के लिए ऑनलाइन नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं।
उत्तर प्रदेश ने दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया
वर्ष 2024-25 में वीरगाथा 4.0 प्रोजेक्ट के तहत 16 सितंबर से 31 अक्टूबर तक स्कूली छात्रों के ऑनलाइन नामांकन आमंत्रित किए गए थे। इस दौरान उत्तर प्रदेश ने अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन से दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया। दिल्ली ने 18,08,556 नामांकन के साथ द्वितीय और बिहार ने 13,91,187 नामांकन के साथ तृतीय स्थान प्राप्त किया। उत्तर प्रदेश ने दिल्ली से 27,16,003 और बिहार से 31,33,372 अधिक नामांकन कर यह उपलब्धि हासिल की। देश में सर्वाधिक नामांकन कराने वाले 50 जनपदों में से उत्तर प्रदेश के 18 जनपदों ने स्थान पाया।
प्रदेश के सभी जनपदों के प्रयासों की सराहना
डॉ. महेंद्र देव ने प्रदेश के सभी जनपदों के प्रयासों की सराहना की और छात्रों की इस बढ़ी हुई भागीदारी के लिए विद्यालयों और शिक्षकों की भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट छात्रों को प्रेरणा देने और देश की वीरता से परिचित कराने का एक प्रभावी माध्यम है।