आखिर कब मिलेगा इंसाफ?बलरामपुर अस्पताल से आरोपी डॉक्टर को मिला क्लीन चिट तो पीड़ित दम्पत्ति धरने पर बैठा

पीड़ित को डरा धमकाकर कराया समझौता,भ्रष्ट जांच कमेटी ने आरोपी डॉक्टर को दिया क्लीन चिट

0 138

लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल में डॉक्टर पर 55 हजार रूपए वसूली का आरोप लगाने वाला पीड़ित मरीज गुरूवार को दिव्यांग पत्नी के साथ अचानक हजरतगंज स्थित जीपीओ पर धरना देने पहुंच गया। विधानसभा सत्र के दौरान यहां पहले से ही तैनात पुलिस कर्मियों ने उसे हटाने की कोशिश की पर,वह जिद्द पर अड़ा रहा। पीड़ित मरीज ने कहा कि जब तक आरोपी डॉक्टर एपी सिंह पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक यहां धरने पर बैठा रहूंगा। इससे पुलिस कर्मियों के हाथ पांव फूलने लगे। किसी तरह से समझा- बुझाकर पीड़ित दम्पत्ति को गाड़ी से बलरामपुर अस्पताल भेज दिया।

पीड़ित के विरोध के बावजूद बनी विवादित जांच कमेटी

देवरिया निवासी ओमप्रकाश यादव ने दो माह पहले भी धरना दिया तो आनन-फानन में बलरामपुर अस्पताल प्रशासन ने जांच कमेटी बना दी। हालांकि ओमप्रकाश ने इस जांच कमेटी का विरोध किया था। पीड़ित ने अस्पताल से बाहर के अफसरों से जांच कराने की गुहार लगाई। उसका तर्क था कि इसी कमेटी ने तीन बार जांच करके उस आरोपी डॉक्टर को पहले ही क्लीन चिट दे दिया है। ऐसे में उसने इस कमेटी से जांच कराने का विरोध किया था। ठीक वैसा ही हुआ। चौथी बार भी डॉक्टर को जांच टीम ने क्लीन चिट दे दी। जबकि पीड़ित का कहना था कि मुझे अपना पक्ष सुनाने के लिए बुलाया गया लेकिन जबरदस्ती मुझसे अंगूठा लगवा लिए गए। मुझे बोलने का मौका भी नहीं दिया गया।

डॉक्टर की लापरवाही से पीड़ित मरीज दिव्यांग हो गया..
आरोप है कि डॉक्टर ने ऑपरेशन के नाम पर उससे मोटी रकम वसूल ली। ऑपरेशन में भी कोताही हुई। इससे वह दिव्यांग हो गया। कई दफा डॉक्टर के खिलाफ वसूली की शिकायत दर्ज कराई। अस्पताल प्रशासन ने जांच के नाम पर आरोपी डॉक्टर को हर दफा क्लीन चिट दे दी। पीड़ित ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
ओमप्रकाश के पैर की हड्डी टूट गई थी। परिजनों ने उसे बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया था। करीब एक साल तक मरीज हड्डी रोग विभाग में भर्ती रहा। आरोप है डॉक्टर एपी सिंह ने ऑपरेशन से पहले इप्लांट मंगाया था। इसकी एवज में करीब 55 हजार रुपए लिए गए। इप्लांट का कोई भी बिल नहीं दिया गया। मरीज ने इस मामले को लेकर अस्पताल निदेशक से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत पूर्व में दर्ज कराई थी। मरीज का आरोप है जांच कमेटी ने हर बाद डॉक्टर को क्लीन चिट दे दी। उसे इंसाफ तक नहीं मिला। सिस्टम से आहत मरीज अपनी दिव्यांग पत्नी संग दोपहर करीब 12 बजे गांधी प्रतिमा पर पहुंचा। डॉक्टर पर ऑपरेशन नाम पर वसूली का आरोप लगाया।

अस्पताल के अफसरों पर डॉक्टर को बचाने का आरोप

मौके पर आई पुलिस ने उसे बिना अनुमति गांधी प्रतिमा पर धरने पर बैठने नहीं दिया। दिव्यांग दंपति को पुलिस ने बलरामपुर अस्पताल भेजा। मरीज ने अस्पताल अफसरों को कठघरे में खड़ा करते हुए डॉक्टर को बचाने का आरोप लगाया। पीड़ित ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाते हुए जांच अस्पताल डॉक्टरों की बजाए दूसरे अफसरों से कराए जाने की मांग किया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.